दिल्ली की सड़कों पर बेसहारा पशु दिखें तो यहां लगाएं कॉल, हादसे रोकने के लिए PWD ने जारी की हेल्पलाइन
दिल्ली में बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अपनी सड़कों पर सूचना बोर्ड लगाएगा। इन बोर्डों पर दिल्ली नगर निगम क ...और पढ़ें

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। बेसहारा पशुओं से परेशान लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अपनी प्रमुख सड़कों पर सूचना बोर्ड लगाएगा। जिसमें दिल्ली नगर निगम का हेल्पलाइन नंबर दिया जाएगा और बताया जाएगा कि सड़क पर बेसहारा पशु दिखने पर नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें।
विभाग ने 2023 में मुख्यसचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है। नगर निगम का हेल्पलाइन नंबर 155305 है। सूचना बोर्ड रिंग रोड, बाहरी रिंग रोड, मथुरा रोड और रोहतक रोड सहित उन सभी सड़कों पर लगाए जाएंगे, जहां बेसहारा पशु सड़काें पर घूमते हैं।
अधिकारियों की मानें तो इनके कारण सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, इन पशुओं के कारण पीडब्ल्यूडी की छवि भी खराब हाेती है जबकि सच्चाई में उनका इससे कोई लेना देना नहीं है, न ही वे इन्हें पकड़ सकते हैं और न ही हटा सकते हैं। जबकि आम लाेग उनके हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर उन्हें बुरा-भला कहते हैं।
दिल्ली की बात करें तो अक्सर ऐसे नजारे सामने आते हैं किसी प्रमुख सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों के बीच बेसहारा पशु आपस में लड़ते हुए आ जाते हैं या अचानक सड़क पार करने लगते हैं तो ऐसे में वाहन चालक के सामने विकट समस्या यह खड़ी हो जाती है कि किस तरह अपने को और अपने वाहन को बचाएं। ऐसे में पीछे से आ रहे वाहन के टकराने का भी खतरा रहता है।
कई बार ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं। दाेपहिया चालक की ताे जान पर भी बन आती है। अचानक आने वाली इस समस्या से परेशान और नाराज वाहन चालक प्रशासनिक व्यवस्थाओं को कोसते हैं कि आखिर इन बेसहारा पशुओं पर रोक क्यों नहीं लग पा रही है।
बेसहारा पशुओं के कारण दर्ज नहीं एक भी दुर्घटना
गाजीपुर गांव, गाजीपुर डेयरी फार्म, शास्त्रीनगर नगर, त्रिनगर, गुलाबीबाग, आजादपुर, नत्थूपुरा, हैदरपुर, रिंग रोछ पर प्रगति मैदान के पीछे, भैरों मार्ग रिंग रोड टी-प्वाइंट आदि ऐसे स्थान हैं जहां पर कौन सा बेसहारा पशु कब अचानक वाहन के आगे आ जाए और आप की जान के लिए खतरा बन जाए, कुछ पता नहीं हाेता है।
यहां सहित दिल्ली के अलग अलग क्षेत्रों में इन पशुओं के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं। मगर हैरानी की बात यह है कि पुलिस के आंकड़ों में ऐसी काेई दुर्घटनाओं का आंकड़ा मौजूद नहीं है जाे बेसहारा पशुओं के कारण हुई हो। बेसहारा पशु निगम की लापरवाही और गौशालाओं की कमी के कारण भी हैं। दिल्ली में इस समय चार गौशालाएं चल रही है।
इनमें बवाना, हरेवली, रेवला खानपुर में हैं। यहां लगभग दो गुना से ज्यादा पशुओं की संख्या है। 20 साल से कोई नई गोशाला नहीं बनी है। बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए दिल्ली नगर निगम के पास 18 टीमें हैं। मगर बेसहारा पशुओं को पकड़ने की गति धीमी है। सड़कों पर घूम रहीं बेसहारा गायों को रखने के लिए दिल्ली सरकार हर जिले में एक नई गोशाला खाेलने की घोषणा की है।

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