वकील को जारी सीबीआई के समन पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, कहा, ऐसा हुआ तो वकील नहीं कर पाएंगे काम
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा वकील को जारी समन पर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा होता रहा तो वकील अपना काम नहीं कर पाएंगे। कोर्ट ने इस माम ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अधिवक्ता को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) द्वारा जारी समन पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी और जांच अधिकारी को तलब किया है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि यदि इस प्रकार के आचरण को अनुमति दी गई, तो वकील काम नहीं कर पाएंगे। आरोप है कि वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से प्रोफेशनल कर्तव्यों के निर्वहन में ईमेल भेजा था।
नोटिस को रद करने की मांग की
कोर्ट ने उक्त आदेश सचिन बाजपेयी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। अधिवक्ता ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 94 और 179 के तहत सीबीआई द्वारा 19 दिसंबर को जारी किए गए नोटिस को रद करने की मांग की थी। यह प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और आईटी एक्ट के प्रविधानों के तहत एक प्राइवेट कंपनी लाॅर्ड महावीर सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक के खिलाफ अपराधों से संबंधित है।
घंटों गैरकानूनी तरीके से बैठाए रखा
याचिका के अनुसार प्राथमिकी होने के बाद कंपनी के एक डायरेक्टर ने अधिवक्ता सचिन बाजपेयी से कानूनी मदद के लिए संपर्क किया था। आरोप है कि जब कंपनी के एक स्टाफ सदस्य ने जांच में सहयोग करते हुए सीबीआई को दस्तावेज जमा करने की कोशिश की, तो उसे कई घंटों तक गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया और उसके साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया।
बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया
इसके बाद 15 दिसंबर को सचिन बाजपेयी ने सीबीआई को कुछ दस्तावेज और जानकारी अटैच करके एक ईमेल भेजा। वकील ने कहा कि यह ईमेल उनके क्लाइंट के निर्देश पर भेजा गया था। दो दिन बाद उन्होंने कोर्ट से मुवक्किल के लिए अग्रिम जमानत हासिल कर ली। हालांकि, 19 दिसंबर को जांच अधिकारी ने उन्हें एक समन जारी कर उन्हें पेश होने, सत्यापित दस्तावेज पेश करने और अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया।

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