त्योहारी सीजन में पहली बार दिल्ली का GST कलेक्शन घटा, अक्टूबर माह में 4.5 प्रतिशत की कमी ने चौंकाया
दिल्ली में त्योहारी सीजन के बावजूद अक्टूबर महीने में GST Collection में 4.5% की गिरावट दर्ज की गई है। यह पहली बार है जब त्योहारी सीजन में दिल्ली के जीएसटी कलेक्शन में कमी आई है, जिससे अर्थशास्त्रियों और व्यापारियों में चिंता है। गिरावट के कारणों में आर्थिक मंदी और मांग में कमी शामिल हैं।

त्योहारी सीजन में बढ़ने की जगह घटा दिल्ली का जीएसटी संग्रह।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi GST Collection केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जीएसटी में की गई कमी के बाद भी त्योहारी सीजन में दिल्ली सरकार को जीएसटी से मनमाफिक राजस्व एकत्रित नहीं हो सका है। उल्टा पिछले साल की अपेक्षा इस साल करीब पांच प्रतिशत कम जीएसटी मिला है। यह पहली बार है कि त्योहारी सीजन में जीएसटी से राजस्व की कमी आई है।
हालांकि जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी में की गई कमी को केवल एक माह के नजरिए से नहीं देखा जा सकता है। इसका असर धीरे-धीरे होगा। अनुमान है कि इस साल के अंत तक यह दिखाई दे। वैसे अधिकारियों को अक्टूबर के त्योहारी सीजन में बड़ी वृद्धि की उम्मीद थी, जो नहीं हुई। जीएसटी में बड़े बदलाव के विभिन्न सामानों पर कमी गत 22 सितंबर से लागू की गई थी।
एक लाख करोड़ का बजट
बता दें कि दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए विधानसभा में एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें 68,700 करोड़ रुपये कर संग्रह का अनुमान है। इसमें जीएसटी और वैट से 49,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है, जो कुल कर संग्रह का 70 प्रतिशत है।
बिक्री विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में अक्टूबर में जीएसटी व वैट से 4027.91 करोड़ रुपये आए थे, जबकि इसी अवधि में चालू वित्त वर्ष में 3843.75 करोड़ रुपये ही आए हैं। इसमें वैट में कमी करीब एक करोड़ और जीएसटी में करीब 185 करोड़ रुपये की कमी आई है।
यदि हम अप्रैल से अक्टूबर तक जीएसटी से एकत्रित किए गए कुल राजस्व की बात करें तो सरकार के खजाने में वैट और जीएसटी से 2024-25 में एक अप्रैल से लेकर 31 अक्तूबर तक 25,104 करोड़ रुपये की तुलना में चालू वित्त वर्ष में इसी अवधि में 26,321.83 करोड़ रुपये आए हैं।
इस तरह वर्तमान वर्ष में अभी तक कर संग्रह में पांच प्रतिशत की ही वृद्धि हुई है। व्यापार एवं कर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में सरकार को जीएसटी व वैट से 43 हजार करोड़ करोड़ रुपये आए थे।
अक्टूबर में 1,14,209 वाहनों का हुआ पंजीकरण
जीएसटी में छूट का असर दिल्ली में वाहनों के पंजीकरण के मामले में अक्टूबर में खुलकर दिखा है। पंजीकरण के मामले में अभी तक के सभी रिकार्ड टूट गए है। इस माह में कुल वाहनों का पंजीकरण 1,14,209 को पार कर गया है। इसमें सबसे अधिक दो पहिया हैं, जिनकी संख्या 82,728 रही। वहीं कारों की संख्या 22,625 पर पहुंच गई है। इससे पहले पिछले साल नवंबर में सबसे अधिक 87 हजार वाहन पंजीकृत हुए थे।
जीएसटी से राजस्व संग्रह (1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक)
| श्रेणी | 2025 (करोड़ ₹) | 2024 (करोड़ ₹) | वृद्धि/कमी |
|---|---|---|---|
| वैट | 4,031 | 4,201.50 | -170.50 |
| एसजीएसटी | 11,710 | 10,415.26 | +1,294.74 |
| आईजीएसटी | 10,580.83 | 10,486.84 | +93.99 |
| कुल संग्रह | 26,321.83 | 25,104 | +1,217.83 |
अक्टूबर 2025 में राजस्व संग्रह 4.5% कम रहा
| श्रेणी | अक्टूबर 2025 (करोड़ ₹) | अक्टूबर 2024 (करोड़ ₹) | अंतर |
|---|---|---|---|
| वैट | 620.96 | 619.84 | +1.12 |
| एसजीएसटी | 1,607.50 | 1,738.92 | -131.42 |
| आईजीएसटी | 1,615.29 | 1,669.15 | -53.86 |
| कुल संग्रह | 3,843.75 | 4,027.91 | -184.16 (साढ़े 4% कमी) |

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