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    मजदूरों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता, मुआवजा बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य जांच अनिवार्य करेगी दिल्ली सरकार

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 09:59 PM (IST)

    दिल्ली सरकार श्रमिकों की मृत्यु पर मुआवज़ा राशि बढ़ाने के लिए नई नीति लाएगी। श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि इसका उद्देश्य श्रमिकों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देना है। बैठक में कौशल विकास, सुरक्षा प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य जाँच पर भी चर्चा हुई। सरकार श्रमिकों के अधिकारों और सुरक्षित वातावरण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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    दिल्ली सरकार श्रमिकों की मृत्यु पर मुआवज़ा राशि बढ़ाने के लिए नई नीति लाएगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार राजधानी में श्रमिकों की मृत्यु पर मिलने वाली मुआवज़ा राशि बढ़ाने के लिए एक नई नीति लाएगी। इससे दुर्घटनावश मृत्यु की स्थिति में श्रमिकों के परिवारों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि बैठक में राजधानी में निर्माण श्रमिकों और मजदूरों के जीवन, सुरक्षा और अधिकारों को मज़बूत करने वाले सुधारों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई।

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    बैठक के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रमों का विस्तार, निर्माण स्थलों पर आधुनिक सुरक्षा मानकों पर आधारित प्रशिक्षण, रोज़गार क्षमता बढ़ाने के लिए प्रमाणित पाठ्यक्रम शुरू करने और कार्यस्थल पर प्रशिक्षण अनिवार्य करने जैसे सुझावों पर चर्चा की गई।

    मृत्यु मुआवज़ा राशि बढ़ाने के लिए एक ठोस नीति-स्तरीय प्रस्ताव तैयार करने और उसे जल्द ही अंतिम रूप देने पर भी ज़ोर दिया गया। श्रमिकों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए, मिश्रा ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द नियमित स्वास्थ्य जाँच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्माण स्थलों पर प्राथमिक उपचार सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया।

    समीक्षा बैठक में श्रम विभाग में लंबित रिक्तियों को शीघ्र भरने, अधिकारियों के दायित्वों का पुनर्गठन और विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी लाने जैसे सुधारों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने आगे कहा कि हम एक ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ कोई भी श्रमिक अपने अधिकारों, स्वास्थ्य या भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस न करे। यह प्रयास केवल एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक सार्थक कदम है।

    सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिल्ली के प्रत्येक निर्माण स्थल पर सुरक्षित वातावरण, बेहतर अवसर और सम्मानजनक कार्य परिस्थितियाँ उपलब्ध हों ताकि शहर का विकास और श्रमिकों का जीवन, दोनों समान रूप से सशक्त और सुरक्षित हों।