दिल्ली में फिर शुरू होगी बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना, पर्यटकों को मिलेगा लाभ
दिल्ली सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत पर्यटक स्थानीय लोगों के घरों में ठहर सकेंगे। इस योजना को बेहतर बनाने के लिए गोवा की नीति का अध्ययन किया जा रहा है। पहले इस योजना के तहत कई घर पंजीकृत थे, लेकिन प्रचार की कमी के कारण इसे बंद कर दिया गया था। अब इसे नई सुविधाओं के साथ फिर से शुरू करने की योजना है।

दिल्ली सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, दिल्ली सरकार बेड एंड ब्रेकफ़ास्ट (बी एंड बी) योजना को फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है, जिसके तहत पर्यटक लोगों के घरों में ठहर सकेंगे। दिल्ली सरकार इस संबंध में गोवा की नीति का अध्ययन कर रही है।
दिल्ली सरकार की बेड एंड ब्रेकफ़ास्ट योजना शुरू होने के बाद से, 2023 तक राष्ट्रीय राजधानी के 432 घरों में 2,200 से ज़्यादा कमरे इसके तहत पंजीकृत किए गए थे। प्रचार-प्रसार के अभाव में, इस योजना को 2024 में बंद कर दिया गया। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम इस योजना को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं।"
दिल्ली सरकार गोवा की होमस्टे और बेड एंड ब्रेकफ़ास्ट नीति का अध्ययन कर रही है ताकि इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए नई सुविधाएँ शामिल की जा सकें। गोवा की यह योजना दूर-दराज के इलाकों में होमस्टे चलाने वाले स्थानीय लोगों को वित्तीय प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करती है।
इस योजना के तहत, आगंतुकों को घर जैसा, किफ़ायती आवास और भोजन उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में लागू दिल्ली की यह योजना वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करती है।
दिल्ली की बेड एंड ब्रेकफ़ास्ट योजना 2007 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, दिल्ली सरकार उन लोगों का पंजीकरण करती थी जो 30 दिनों के भीतर अपने घरों को बेड एंड ब्रेकफ़ास्ट इकाइयों में बदलना चाहते थे। इस योजना के तहत आगंतुकों को घर जैसा किफ़ायती आवास और भोजन उपलब्ध कराया जाता था। अधिकारी ने बताया कि बेड एंड ब्रेकफ़ास्ट योजना में कई कमियाँ थीं, जिन्हें इसके पुनः कार्यान्वयन के दौरान दूर किया जाएगा।
गोवा की होमस्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना क्या है?
वहां ज़्यादातर होमस्टे महिलाओं द्वारा संचालित हैं। यह योजना उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाती है और पर्यटन में उनकी भागीदारी को बढ़ाती है। सत्तारी, सांगे, धारबंदोरा, बिचोलिम, कांकोन, पोंडा और क्यूपेम तालुकाओं में संचालित होमस्टे को ₹2 लाख की एकमुश्त वित्तीय सहायता मिलती है। इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षण, विपणन सहायता और पर्यटन मेलों में रियायती भागीदारी भी प्रदान की जाती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।