दिल्ली सरकार का बड़ा एक्शन, 12 PUC केंद्र तत्काल सस्पेंड; ब्लैकलिस्टेड करने की तैयारी
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाते हुए 12 PUCC केंद्रों को सस्पेंड कर दिया है। इन केंद्रों पर फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने और मानकों ...और पढ़ें
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पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि 12 पीयूसी सेंटरों को सस्पेंड कर दिया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सरकार ने फैसला लिया है कि GRAP-4 प्रतिबंध हटने के बाद भी 'नो PUC - नो फ्यूल' अभियान पूरी तरह जारी रहेगा। इस नियम के तहत बिना वैध प्रदूषण अंडर कंट्रोल (PUCC) प्रमाणपत्र वाले वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली में चलने वाली हर गाड़ी के पास वैध PUCC प्रमाणपत्र हो, क्योंकि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने का यह सबसे प्रभावी तरीका है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि परिवहन विभाग को शिकायतें मिली थीं कि कई PUCC केंद्र निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रहे और फर्जी या गलत प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं। इन शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए विभाग ने संबंधित केंद्रों का निरीक्षण कराया। निरीक्षण में मानकों की लापरवाही बरतने वाले 12 PUCC केंद्रों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
दिल्ली में GRAP-4 हटने के बाद भी 'NO PUCC - NO FUEL' अभियान जारी रहेगा। हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली की हर गाड़ी के पास वैध PUCC प्रमाणपत्र हो, क्योंकि वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी माध्यम PUCC है।
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) December 23, 2025
हमें शिकायतें प्राप्त हुईं कि कुछ PUCC केंद्र तय मानकों के अनुसार… pic.twitter.com/hAMNBEhLto
उन्होंने बताया कि इन 12 सस्पेंड केंद्रों को अब ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे वे भविष्य में दिल्ली में PUCC जारी करने का कार्य नहीं कर सकेंगे। परिवहन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है और बाकी सभी PUCC केंद्रों की भी गहन जांच की जाएगी।
सिरसा ने कहा कि जो भी केंद्र नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि PUCC मानकों में लापरवाही को अब सामान्य उल्लंघन नहीं, बल्कि अपराध की श्रेणी में माना जाएगा, ताकि दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाने के प्रयासों में कोई कोताही न बरती जाए।

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