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    दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बढ़ेगी निगरानी, अब हफ्ते में तीन दिन होगा निरीक्षण; पढ़ाई के स्तर को सुधारने की कवायद

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 11:54 PM (IST)

    दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने एक नई योजना शुरू की है। फरवरी 2026 तक हफ्ते में तीन दिन अनिवार्य निरीक्षण होगा। निरीक्षण में कक्षाओं की स्थिति, बुनियादी ढांचा, शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति, और पढ़ाई का स्तर शामिल होगा। इस योजना का उद्देश्य शिक्षण स्तर को सुधारना और कमियों को दूर करना है।

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    राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने एक नई और विस्तृत योजना शुरू की है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने एक नई और विस्तृत योजना शुरू की है। इसके तहत फरवरी 2026 तक हफ्ते में तीन दिन यानी सोमवार, बुधवार और शुक्रवार अनिवार्य निरीक्षण होगा। यह कदम स्कूलों में शिक्षण स्तर सुधारने और कमियों को समय रहते दूर करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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    निदेशालय के मुताबिक सभी अतिरिक्त निदेशक, क्षेत्रीय निदेशक और उप-निदेशक को अपने-अपने जोन के स्कूलों का नियमित निरीक्षण करना होगा। जरूरत पड़ने पर वे सामान्य स्कूल समय के अलावा शाम की शिफ्ट में भी स्कूल का दौरा करेंगे।

    निरीक्षण का दायरा काफी व्यापक रखा गया है। इसमें कक्षाओं की स्थिति, मूलभूत ढांचा, शौचालय व पेयजल जैसी सुविधाएं, शिक्षक और छात्र उपस्थिति, अनुशासन और पढ़ाई का स्तर शामिल है। प्रत्येक निरीक्षण में अधिकारियों को कम से कम 15 मिनट कक्षा में बैठकर पढ़ाई का अवलोकन करना होगा। छात्रों का ऐच्छिक मौखिक या लिखित आकलन किया जाएगा और पाठ्यक्रम की पूर्णता की जांच भी होगी।

    इस वर्ष लागू की गई योजनाएं

    नींव, निपुण, संकल्प, राष्ट्रनीति और साइंस आफ लिविंग के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अधिकारियों को मिड-टर्म परीक्षा परिणाम, सीखने में कमी और कम प्रदर्शन करने वाले स्कूलों पर विशेष नजर रखनी होगी।

    विद्यालयों में बस्ते का वजन कम करने के प्रयास, रेमेडियल शिक्षण, सहकर्मी सीखना, संवर्धन गतिविधियां और शिक्षण सामग्री के उपयोग की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, विज्ञान लैब और खेल सुविधाओं का उपयोग भी आंका जाएगा। स्वच्छता की स्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा। कक्षाओं, गलियारों, कामन एरिया और शौचालयों की सफाई सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।

    फायर सेफ्टी उपकरण, आपातकालीन निकास और खेल मैदान की स्थिति की भी जांच होगी। हर निरीक्षण के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को सौंपना अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि इस पहल से स्कूलों में गुणवत्ता शिक्षा सुनिश्चित होगी और सभी योजनाएं प्रभावी रूप से लागू होंगी।