दिल्ली में 'इनोवेशन चैलेंज अभियान' शुरू, प्रदूषण घटाने की नई तकनीक को परखेगी सरकार; पुरस्कार भी देगी
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए 'इनोवेशन चैलेंज' अभियान शुरू किया है। इस अभियान में प्रदूषण घटाने वाली नई तकनीकों को परखा जाएगा और सफल तकनीकों को पुरस्कृत किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य नवाचार के माध्यम से प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान खोजना है।

दिल्ली में प्रदूषण कम करने की तकनीक परखेगी सरकार।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए इनोवेशन चैलेंज नाम से अभियान की शुरुआत की है। इस चुनौती के जरिए प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सस्ती, आसान और असरदार तकनीकों का प्रस्ताव करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा और उन्हें उपयोग में लाया जाएगा। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहा कि इस चुनौती में देश भर के स्टार्ट-अप, शोध संस्थान और तकनीकी विशेषज्ञ हिस्सा ले सकते हैं।
सिरसा ने कहा कि इनोवेशन चैलेंज का उद्देश्य ऐसी सस्ती, टिकाऊ और सीधे लागू किए जाने वाले समाधानों की तलाश करना है जिसके जरिए पुराने वाहनों, निर्माण स्थलों और उद्योगों से निकलने वाले पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषक कणों को घटाया जा सके।
दिल्ली सरकार ने पहली बार हर प्रकार के नवाचार के लिए अपने दरवाजे खोले हैं। इसमें स्टार्ट अप, शोध संस्थान, आईआईटी संस्थान, बड़ी कंपनियां और टेक डेवलपर शामिल हैं। अगर उनके द्वारा प्रस्तुत तकनीक असरदार है और दिल्ली में लागू हो सकती है तो उसे जरूर परखा जाएगा।
मंत्री ने बताया कि इस अभियान के जरिए वही तकनीक चुनी जाएगी जो धरातल पर काम करे। देखा जाएगा कि उसे अपनाने से धूल कण की कमी कितनी होती है, उसकी लागत कितनी है और इसे लगाना या चलाना कितना आसान है।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि इस चुनौती के स्टेज दो में जो टीमें पहुंचेंगी उन्हें फ्री ट्रायलय और पांच लाख तक का सपोर्ट मिलेगा। जबकि, इसके बाद जो समाधान आईआईटी और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में सफल साबित होंगे उन्हें 50 लाख रुपये तक की राशि और सरकारी स्तर पर अपनाए जाने का मौका मिलेगा।
कैसे काम करेगा इनोवेशन चैलेंज
मंत्री ने बताया कि इस चैलेंज के लिए 31 अक्तूबर तक आवेदन किया जा सकता है। दिल्ली सरकार की वेबसाइट www.dpcc.delhigovt.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन के साथ-साथ इस चुनौती के पोस्टर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके भी पंजीकृत किया जा सकता है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की शुरुआती स्क्रीनिंग के बाद स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा फील्ड-प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाएगा। अगर कोई समाधान तकनीक कारगर साबित होती है तो उसे दिल्ली भर में लागू किया जाएगा। ईमेल आईडी--innovationdpcc@gmail.com पर मेल करके इसके बारे में ज्यादा जानकारी ली जा सकती है।
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