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    दिल्ली में ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, पूरा परिवार गिरफ्तार

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 08:41 PM (IST)

    दिल्ली में ऑनलाइन लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में पूरे परिवार को गिरफ्तार किया है। यह गि ...और पढ़ें

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    Cyber Crime

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ऑनलाइन इंस्टेंट लोन दिलाने के नाम पर चल रहे फर्जी काॅल सेंटर का उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस की टीम ने भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस तब हैरान हो गई जब पता चला कि यह फर्जी कॉल सेंटर एक परिवार के सदस्यों द्वारा चलाया जा रहा है। पुलिस टीम ने संगम विहार से पूरे परिवार को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान पिता सुरेश कुमार, पुत्र हिमांशु सुरेश कुमार, रोहित कुमार और पुत्री मधु रानी के रूप में हुई है। इनमें गिरोह का मास्टरमाइंड हिमांशु था।

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    आरोपितों ने हाल ही में ऑनलाइन इंस्टेंट लोन देने के बहाने पीड़ित से 36 हजार रुपये ठगे थे। पीड़ित को कम से कम फार्मेलिटी के साथ तुरंत लोन अप्रूवल का वादा करके फंसाया गया था। पुलिस टीम ने इनके कब्जे से आठ मोबाइल फोन, दो लैंडलाइन फोन, 10 लैपटाप, एक वाई-फाई राउटर, कर्मचारियों के आइडी कार्ड और चार चेक बुक बरामद की हैं।

    उपायुक्त राजा बांठिया के मुताबिक, तीन सितंबर को शिकायतकर्ता सदर बाजार के शुऐब ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उन्हें लोन की जरूरत थी और उन्होंने इसके लिए बैंकों से संपर्क किया था। इसके बाद, 25 अगस्त को एक अनजान मोबाइल नंबर से वाट्सएप कॉल आया। कॉलर ने खुद को लोन एजेंट बताया और दस्तावेजों के साथ फाइल प्रोसेसिंग चार्ज के तौर पर 2,750 मांगे। इसके बाद लोन मंजूरी की जानकारी दी। अगले दिन, शिकायतकर्ता को बताया गया कि लोन अनसिक्योर्ड लोन कैटेगरी में आता है और इसके वितरण के लिए 11,800 की जरूरत होगी।

    इसके बाद स्टाम्प ड्यूटी के लिए अतिरिक्त छह हजार मांगे गए। इस तरह कुल 36 हजार रुपये ठग लिए। ठगी की रकम यूपीआइ के जरिए हिमांशु कुमार के नाम के एक खाते में ट्रांसफर की गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और कॉल डिटेल रिकार्ड, आइएमईआइ डेटा की जांच करते हुए बैंक खातों में पैसे के लेन-देन की जांच की।

    तकनीकी निगरानी के आधार पर 11 दिसंबर को संगम विहार में छापा मारते हुए सुरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। वह 'सुराश एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड' नामक फर्जी कॉल सेंटर का निदेशक पाया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने बच्चों हिमांशु कुमार, मोहित कुमार, रोहित कुमार और मधु रानी के साथ फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। उसकी निशानदेही पर हिमांशु, मोहित कुमार, रोहित कुमार और मधु रानी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

    पिछले तीन साल से कर रहे थे धोखाधड़ी

    पूछताछ में आरोपित सुरेश ने बताया कि उनका बेटा हिमांशु कुमार कई सालों से लोन और इंश्योरेंस से जुड़े काम कर रहा था। साल 2022 में, हिमांशु ने दिल्ली के खानपुर में 'सुरेश एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड' नाम से एक कॉल सेंटर खोला, जिसमें सुरेश कुमार और उनकी बेटी मधु रानी डायरेक्टर थे और दोनों के पास 50 प्रतिशत शेयर थे। बाद में, कॉल सेंटर का आफिस संगम विहार के ए-ब्लाक में शिफ्ट कर दिया गया।

    पिता को हर माह 25 से 30 हजार रुपये देता था हिमांशु

    इस कॉल सेंटर के जरिये आरोपित लोगों को फर्जी लोन और इंश्योरेंस सर्विस देकर गैर-कानूनी मुनाफा कमाते थे। हिमांशु ब्रांच मैनेजर के तौर पर काम करता था, जिसमें उसके भाई मोहित कुमार और रोहित कुमार के साथ-साथ हायर किए गए स्टाफ भी उसकी मदद करते थे। यह भी पता चला कि हिमांशु गैर-कानूनी धंधे से होने वाली कमाई में से अपने पिता सुरेश कुमार को हर महीने 25 से 30 हजार देता था।

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