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    Delhi Crime: पड़ोसी की हत्या में शामिल महिला 11 साल बाद गिरफ्तार, हरियाणा के झज्जर में छिपी थी परवीन 

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 03:37 PM (IST)

    दिल्ली में पड़ोसी की हत्या में शामिल एक महिला को 11 साल बाद गिरफ्तार किया गया है। आरोपी महिला, परवीन, हरियाणा के झज्जर में छिपी हुई थी। दिल्ली पुलिस न ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर। सौजन्य- Meta AI

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बाबा हरिदास नगर थाना क्षेत्र में पानी गिरने को लेकर विवाद में अपने पति और अन्य लोगों के साथ मिलकर पड़ोसी की बेरहमी से हत्या करने वाली महिला को आखिरकार क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले 11 वर्षों से भगोड़ा घोषित थी और लगातार अपने ठिकाने बदलकर फरार चल रही थी। आरोपित महिला की पहचान गांव मित्राओं की परवीन उर्फ प्रीति के रूप में हुई है। हालांकि, मामला दर्ज होने के बाद ही उसके पति और अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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    उपायुक्त हर्ष इंदौरा के मुताबिक, 30 जुलाई 2014 को नजफगढ़ निवासी विनीत नामक युवक सबमर्सिबल पंप से पानी भर रहा था तभी गलती से कुछ पानी पड़ोसन परवीन की तरफ गिर गया। इससे गुस्साई परवीन ने गाली-गलौज करते हुए झगड़ा शुरू कर दिया और पति, सुरेश उर्फ मुन्नू को बुलाकर मारपीट शुरू कर दी।

    शोर सुनकर पीड़ित के परिजन रवि, सचिन, नवीन और अन्य बीच-बचाव कराने पहुंचे ही थे कि सुरेश ने अपने कई साथियों, जिनमें राहुल उर्फ लाला, संदीप उर्पु सरदारजी, विक्रांत उर्फ कातू, मुकेश उर्फ मुक्का, सागर और अन्य को बुलाया। वे चाकू, लोहे के पाइप, लकड़ी की छड़ी और टूटे हुए बेसबाल बैट जैसे हथियारों के साथ मौके पर पहुंचे और रवि और बीच-बचाव करने वाले परिवार के सदस्यों पर हमला बोल दिया।

    हमले के दौरान, संदीप ने रवि को पीछे से पकड़ा और राहुल ने उसके सीने पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर गिर गया। वारदात के बाद सुरेश, परवीन, राहुल, संदीप, विक्रांत, मुकेश, सागर और अन्य मौके से भाग निकले। घायल रवि को राव तुला राम अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

    कैसे पकड़ में आई महिला?

    पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और जांच के दौरान, परवीन को छोड़कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे पकड़ने के लिए मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। इस दौरान एएसआइ अशोक और हेड कॉन्स्टेबल परमजीत को गुप्त जानकारी मिली कि परवीन हरियाणा के झज्जर में छिपी हुई है। सूचना पर एसीपी भगवती प्रसाद की देखरेख में और इंस्पेक्टर गुलशन यादव के नेतृत्व में गठित टीम ने परवीन की सही लोकेशन का पता लगाया और 12 दिसंबर को छापेमारी करते हुए उसे झज्जर से गिरफ्तार कर लिया।

    पूछताछ में उसने बताया कि पड़ोसियों- बिजेंद्र, उसकी पत्नी बाला और उनके बेटे विनीत के साथ सड़क पर जानबूझकर पानी गिराने के मुद्दे पर अक्सर झगड़े होते थे। 30 जुलाई 2014 को विनीत ने फिर से उनकी तरफ पानी गिराया, जिससे झगड़ा बढ़ गया। हमले के तुरंत बाद, परवीन और उसके पति सहित आरोपित मौके से भाग गए।

    अगली सुबह, परवीन को पता चला कि रवि की चोटों के कारण मौत हो गई है। उसने बताया कि पति की गिरफ्तारी के बाद, वह अपने नाबालिग बेटे के साथ भाग गई और 11 साल से अधिक समय तक कानून से बचने के लिए हरियाणा में रिश्तेदारों के घरों में छिपी रही।