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    त्योहारी सीजन में DTC बसें गायब, रिपोर्ट आने पर दिल्ली में खलबली!

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 03:46 PM (IST)

    दिल्ली में त्योहारी सीजन के दौरान बसों की कमी से यात्रियों को परेशानी हो रही है। पिछले कुछ महीनों में 2,820 बसें हटाई गई हैं, जिससे सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है। यमुनापार में रूटों के पुनर्निर्धारण और जानकारी के अभाव ने भी समस्या बढ़ाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि उचित योजना के अभाव में यह स्थिति उत्पन्न हुई है, और बसों की संख्या बढ़ाने पर ही यात्रियों को राहत मिल सकती है।

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    दिल्ली में त्योहारी सीजन के दौरान बसों की कमी से यात्रियों को परेशानी हो रही है। फाइल फोटो

    वी.के. शुक्ला, नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में सड़कों से बसें गायब हैं, जिससे बस यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। पिछले चार महीनों में 998 बसें हटाई जा चुकी हैं। जनवरी से अब तक हटाई गई बसों की कुल संख्या 2,820 है, जिनमें 2,287 डीटीसी बसें और 533 डीएमटीएस बसें शामिल हैं।

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    इस बीच, यमुनापार में बस रूटों के पुनर्निर्धारण ने भी परेशानी बढ़ा दी है। नए बनाए गए रूटों का प्रचार-प्रसार न होने से लोगों को इनकी जानकारी नहीं है। बसों की कमी के कारण लोगों को ऑटो-टैक्सियों में महंगा किराया देना पड़ रहा है। पांच साल में यह पहली बार है जब दिल्ली में बसों की कुल संख्या 5,000 से नीचे आई है।

    दिल्ली में भाजपा सरकार सार्वजनिक परिवहन को लेकर बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रही है, क्योंकि डीटीसी और क्लस्टर बसों की ख्या लगातार कम हो रही है। पिछले तीन महीनों में 998 बसें सड़कों से हटाई जा चुकी हैं। फरवरी में जब भाजपा दिल्ली की सत्ता में आई थी, तो उम्मीद थी कि बसों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है।

    नई बसें पुरानी बसों की तुलना में कम आ रही हैं, जिससे आम नागरिकों की परेशानी बढ़ रही है। स्थिति बिगड़ती जा रही है, क्योंकि एक साल पहले दिल्ली में 7,300 से अधिक बसें थीं। अब यह संख्या घटकर लगभग 4,900 रह गई है। जनवरी से अब तक 2,287 डीटीसी बसें सड़कों से हटाई जा चुकी हैं।

    पिछले कुछ महीनों में हटाई गई बसों की संख्या

    जुलाई में 452, सितंबर में 462 और अक्टूबर में अब तक 84 बसें हटाई गई हैं। अगर हम इस आंकड़े में जुलाई में हटाई गई डीआईएमटीएस के तहत संचालित 533 क्लस्टर बसों को जोड़ दें, तो अब तक हटाई गई बसों की कुल संख्या 2,820 हो जाती है। दरअसल, डीआईएमटीएस द्वारा संचालित 533 बसें सड़कों से इसलिए हटाई गईं क्योंकि इन बसों का टेंडर नहीं बढ़ाया जा सका।

    ये बसें दो कंपनियों की थीं। नतीजतन, दिल्ली भर में बसों की कमी लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। डीएमटीएस के पास अब कुल 2,400 बसें हैं दिल्ली की सड़कों से इन बसों के हटने का सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है।

    दिल्ली पहले से ही बसों की भारी कमी से जूझ रही है। लगभग 40 लाख लोग रोज़ाना बसों से यात्रा करते हैं। बसों के हटने से बस स्टैंडों पर भीड़भाड़ और प्रतीक्षा समय बढ़ गया है। अनुमान है कि दिल्ली को लगभग 11,000 बसों की ज़रूरत है।

    क्या कहते हैं एक्सपर्ट

    दिल्ली में बसों की अचानक कमी इस बात का संकेत है कि पहले बसों के लिए उचित योजना नहीं बनाई गई थी। अगर योजना बनाई गई होती, तो बसों की संख्या अचानक कम नहीं होती। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि उस समय ज़िम्मेदार लोगों को इस बात का अंदाज़ा रहा होगा कि 2025 तक बड़े पैमाने पर पुरानी बसों को सड़कों से हटा दिया जाएगा।

    हालांकि, आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका बसों की तैनाती की गति बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि ज़्यादा सवारियों वाले रूटों पर ज़्यादा बसें आएँ। इस तरह, जनता को राहत दी जा सकती है।

    -डॉ. पी.के. सरकार, पूर्व प्रोफेसर - परिवहन योजना विभाग, योजना एवं वास्तुकला विद्यालय

     जनवरी 2025 से 25 अप्रैल तक हटाई गई बसें

    महीना हटाई गई बसें
    जनवरी 2025 57
    फरवरी 2025 337
    मार्च 2025 345
    अप्रैल 2025 111
    मई 2025 232
    जून 2025 96
    जुलाई 2025 452
    सितंबर 2025 462
    अक्टूबर 2025 84
    कुल (जनवरी 2025 - अक्टूबर 2025) 2287
    नवंबर 2025 15
    दिसंबर 2025 99
    जनवरी 2026 57
    फरवरी 2026 20
    मार्च 2026 2
    अप्रैल से मई 2026 15
    जून से सितंबर 2026 10
    अक्टूबर से दिसंबर 2026 4
    कुल (नवंबर 2025 - दिसंबर 2026) 222