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    Year Ender 2025: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने में बाटलनेक का बड़ा योगदान, जाम खत्म करने की उम्मीद जगा गया यह साल

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 04:03 AM (IST)

    दिल्ली में प्रदूषण के कारकों में बाटलनेक बड़ी समस्या है, जिससे जाम लगता है। 2025 में बाटलनेक दूर करने की घोषणा हुई, पर काम कम हुआ है। सरकार ने नंद नगर ...और पढ़ें

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    कश्मीरी गेट के समीप रिंग रोड पर लगे जाम में रेंगते वाहन। जागरण आर्काइव

    वी के शुक्ला, नई दिल्ली। स्वच्छ हवा की समस्या से जूझ रही दिल्ली के सामने प्रदूषण बढ़ाने के कारकों में दिल्ली के बाटलनेक भी बड़े स्तर पर जिम्मेदार हैं। जगह-जगह लग रहा जाम दिल्ली में प्रदूषण फैलाने में बड़ा योगदान दे रहा है। यह बात कई अध्ययनों में भी साबित हो चुकी है।

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    2025 की बात करें तो इस साल में दिल्ली के बाटलनेक दूर करने की घोषणा जरूर हुई, नई सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में भी इसे शामिल किया और इस पर 100 प्रतिशत काम करने की बात भी कही। हालांकि काम बहुत अधिक नहीं हो सका है।

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    मरघट वाले हनुमान मंदिर में समीप फ्लाईओवर ब्रिज से रिंग रोड पर बनती है जाम की स्थिति। जागरण आर्काइव

    इस साल में दिल्ली सरकार की ओर से नंद नगरी फ्लाईओवर को शुरू किया गया है, वहीं केंद्र सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अक्षरधाम से सहारनपुर एक्सप्रेसवे को जनता को दिल्ली से बड़ौत तक शुरू कर बड़ी राहत दी है। दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले कई अहम बिंदुओं में शामिल सड़कें, चौक चौराहे आज भी मौजूद हैं। जिन पर अभी काम नहीं हो सका है, ये जाम के लिए आज भी समस्या बनी हुई हैं।

    पांच बड़ी परियोजनाओं के बीच आ रहे हरे पेड़ हटाने की बड़ी हुई दूर दिल्ली में भाजपा की सरकार आने के बाद ढांचा विकास के मामले में आ रही बढ़ाओं को दूर करने में इस साल जो सबसे बड़ा काम जो हुआ है, उसमें परियोजनाओं के बीच आ रहे हरे पेड़ों को हटाने की सफलता शामिल है।

    इन परियोजनाओं में नंद नगरी फ्लाईओवर, अप्सरा बार्डर से आनंद विहार फ्लाईओवर, पंजाबी बाग फ्लाईओवर और बारापुला फेस- तीन एलिवेटेड कॉरिडोर आदि शामल हैं। इन परियोजनाओं के बीच आ रहे हरे पेड़ों को हटाने की मंजूरी पिछली सरकार के समय लटक गई थी, इस मामले में वह सरकार एक भी कदम आगे नहीं बढ़ सकी थी।

    रिंग रोड को एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव

    वर्तमान सरकार ने जरूर यह बड़ा काम किया है। 55 किलोमीटर रिंग रोड को एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव दिल्ली की नई सरकार ने 55 किलोमीटर लंबे रिंग रोड को एलिवेटेड रोड में बदलने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए सलाहकार की नियुक्त की गई है। जो इस परियोजनाओं के बीच आ कठिनाइयों के बारे में बताएगा और किस तरह से परियोजना को पूरा किया जा सकता है, इस पर अपनी राय देगा।

    अगर इस परियोजना पर काम संभव होता है तो दिल्ली के लिए यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना साबित होगी। कई परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अध्ययन दिल्ली की नई सरकार ने आइटीओ पर लगने वाले जाम को दूर करने के लिए लाला रामचरण अग्रवाल चौक पर डीडीयू मार्ग से विकास मार्ग की ओर फ्लाईओवर बनाने की योजना पर व्यवहार्यता अध्ययन शुरू कराया है।

    देश बंधु गुप्ता मार्ग पर पहाड़गंज से करोल बाग तक लगने वाले जाम के लिए करीब सात किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कारिडोर के साथ साथ नानकसर से सोनिया विहार तक पुस्ता रोड तक एलिवेटेड रोड पर लगने वाले जाम को दूर करने के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर की योजना सहित कुछ अन्य परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अध्ययन कराने का फैसला लिया है। जिस पर अगले कुछ माह में काम शुरू होने की संभावना है।

    मोदी मिल से लेकर सावित्री सिनेमा तक सिग्नल फ्री

    मोदी मिल से लेकर सावित्री सिनेमा तक यातायात को सिग्नल फ्री करने की योजना सरकार ने बाहरी रिंग रोड पर मोदी मिल से लेकर सावित्री सिनेमा तक यातायात को सिग्नल फ्री किए जाने की योजना भी आगे बढ़ा दी है। इस योजना के तहत मोदी मिल फ्लाईओवर का विस्तार किया जाएगा और इसे कालकाजी में बने सिंगल फ्लाईओवर से जोड़ा जाएगा और कालकाजी के फ्लाईओवर को डबल किया जाएगा।

    वहीं सावित्री सिनेमा के सामने बने सिंगल फ्लाईओवर को भी डबल किया जाएगा। जाम के लिए ये स्थान बन चुके हैं बड़े बाटलनेक सावित्री फ्लाईओवर नेहरू एन्क्लेव मेट्रो स्टेशन के पास यातायात धीमा होने और आईआईटी से नेहरू प्लेस की ओर जाने वाले वाहनों की गति फ्लाईओवर के नीचे घुमाव से धीमी हो जाती है। यहीं पर लालबत्ती पर वाहन रुकते हैं।

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    चंदगी राम अखाड़ा के समीप रेड लाइट पर बनी रहती है जाम की स्थिति। जागरण आर्काइव

    आईआईटी से चिराग दिल्ली फ्लाईओवर आने पर यातायात दो लेन का है, जो गैस गोदाम के सामने नीचे उतरता है, वहां बीआरटी से आने वाला यातायात इसमें मिलता है, जिससे चार लेन का यातायात अचानक दो लेन में बदल जाता है। यहां दो लेन जीके-2 जाने के लिए है। जीके की और भी जब अधिक जाम लग जाता है तो इस दो लेन पर जाम बढ़ जाता है। यहां पर डबल फ्लाईओवर बनाने की योजना है, ताकि जाम से राहत मिल सके।

    भैरों मंदिर, नेहरू प्लेस मोदी मिल से नेहरू प्लेस की ओर जाने पर भैरों मंदिर और उसके आगे सीएनजी पंप के कारण सड़क तक वाहन खड़े रहते हैं। दूसरी ओर, नेहरू प्लेस मार्केट की पार्किंग के लिए चल रहे कार्य के कारण सड़क पर अवैध पार्किंग होती है। उसके आगे बस डिपो के कारण और उससे थोड़ा और आगे कालका जी मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते के पास सड़क संकरी हो जाती है, जिसके कारण जाम लगता है। यहां पर पुलिस की तरफ से भी अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। यहां पर भी डबल फ्लाईओवर बनाने की योजना है।

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    बाहरी रिंग रोड पर हैदरपुर बादली से मुकरबा चौक की ओर जाने वाले मार्ग में बोटल नेक होने के कारण लगता है जाम। जागरण आर्काइव

    एम्स क्लोवरलीफ रिंग रोड पर सफदरजंग अस्पताल के सामने बाटलनेक बनता है। इससे यहां पर भीषण जाम लगता है। बारापुला से धौलाकुआं की ओर जाने वाला दो लेन का यातायात, साउथ एक्स से धौलाकुआं जाने वाला दो लेन का यातायात और ग्रीन पार्क की ओर से धौलाकुआ जाने वाला दो लेन का यातायात यहां पर तीन लेन में मिलता है, जिसके कारण सफदरजंग अस्पताल के सामने भयंकर यातायात जाम की स्थिति बन जाती है।

    कई बार यह जाम पीछे साउथ एक्स तक पहुंच जाता है। इसका अभी तक कोई अस्थाई समाधान भी नहीं किया गया है। सराय काले खां सराय काले खां पर आइटीओ की ओर से दो लेन का ट्रैफिक आता है और एनएच नौ की ओर से भी दो लेन का ट्रैफिक आता है। आगे फ्लाईओवर से उतरने के करीब 200 मीटर बाद यह ट्रैफिक छह लेन में बंट जाता है, लेकिन थोड़ा आगे बढ़ते ही अचानक सडक तीन लेन की हो जाती है।

    बारापुला पर जाम लगते ही नीचे तक वाहन खड़े हो जाते है, ऐसे में आश्रम की ओर जाने वाले वाहन चालकों जाम में फंसना पड़ता है। आरआरटीएस का काम चलने की वजह से भी यातायात बाधित होता है।

    आईटीओ चौराहा

    यह चौराहा विकास मार्ग को डीडीयू मार्ग तथा बहादुर शाह जफर मार्ग को तिलक मार्ग से जोड़ता है। जहां कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पुरानी दिल्ली व पूर्वी दिल्ली को आने जाने वाले वाहनों का भारी दबाव रहता है। खासकर सुबह-शाम ऑफिस समय पर प्रति मिनट औसतन 50 वाहन गुजरते हैं। इस चौराहे को यातायात दबाव मुक्त करने को लेकर पूर्व की सरकारों ने कई विचार किए, लेकिन वह चौराहे पर नहीं उतर पाया। मौजूदा रेखा गुप्ता सरकार में भी इस चौराहे को लेकर विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। व्यवहारिक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। चंदगीराम व कश्मीरी

    गेट तिराहा

    यह रिंग रोड पर स्थित है। एक सड़क राजघाट होते बाहरी दिल्ली की ओर निकल जाती है। जबकि, एक सड़क कश्मीरी गेट होते हुए तीस हजारी होते हुए बाहरी दिल्ली को जाती है। इसी तरह, चंदगीराम से एक सड़क सिविल लाइंस होते हुए डीयू की ओर निकल जाती है। इसलिए इसपर अत्यधिक वाहनों का दबाव रहता है। खासकर मरघट वाले हनुमान जी के सामने फ्लाईओवर से चंदगीराम तिराहे तक बराबर जाम की स्थिति रहती है। यहां पर फ्लाईओवर या अंडरपास से जाम के निवारण का रास्ता निकाला जा सकता है।

    पहाड़गंज लालबत्ती

    यह सड़क नई दिल्ली रेलवे स्टेशन कनाट प्लेस को करोलबाग, पहाड़गंज समेत दिल्ली के बाकि क्षेत्रों को जोड़ती है। सरकार ने पहाड़गंज से करोलबाग तक तकनीकी अध्ययन कराया है। जिसमें सात लाल बत्तियां पड़ती है। ऐसे में सात किमी तक एलीवेटेड रोड बनाने पर विमर्श किया जा रहा है।

    मधुबन चौक के पास बाहरी रिंड रोड पर मधुबन चौक से प्रशांत विहार आते समय पावर हाउस के सामने जाम लग रहा है। यहां डीएमआरसी का काम चल रहा है। यहां अंडरपास का यातायात और ऊपर रिंग रोड का याताताय मिलने से भी जाम लग रहा है। डीएमआरसी के काम के वजह से यहां सड़क की चौड़ाई कम हो गई है।