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    Delhi Blast: अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री पर LG का सख्त निर्देश, डॉक्टरों और सेकंड हैंड गाड़ियों की भी बढ़ेगी निगरानी

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 11:30 AM (IST)

    दिल्ली में लाल किला के पास हुए विस्फोट के बाद एलजी वीके सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर को कई निर्देश दिए हैं। इनमें अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री का डिजिटल रिकॉर्ड, सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी सामग्री की निगरानी, खुफिया तंत्र को मजबूत करना, मेडिकल स्टाफ का डेटाबेस बनाना और वाहनों की बिक्री पर नियंत्रण शामिल है। इन कदमों का उद्देश्य दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना है।  

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Blast 2025 राजधानी दिल्ली में हाल ही में लाल किला के पास हुए आतंकी विस्फोट को लेकर उपराज्यपाल (एलजी, LG) वीके सक्सेना ने पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को कई एहतियाती और बचाव के कदम उठाने के निर्देश दिए।

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    बता दें कि एलजी सचिवालय की ओर से सीपी और सीएस को अलग-अलग लिखित में पुलिस को निर्देश जारी किए गए हैं। आइए बताते हैं कि क्या-क्या निर्देश दिए गए हैं।

    • एक निश्चित सीमा से अधिक अमोनियम नाइट्रेट खरीदने और बेचने वाली संस्थाओं का एक डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखें, जिसमें अन्य संबंधित विवरणों के अलावा खरीदारों और विक्रेताओं की तस्वीर भी शामिल हो।
    • नागरिकों के ब्रेनवॉश करने के उद्देश्य से कट्टरपंथी सामग्री की वैज्ञानिक ट्रैकिंग के लिए मेटा, ट्विटर (X) आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के प्रमुखों के साथ कंसल्टेशन एक्सरसाइज आयोजित करें।
    • ह्यूमन और टेक्निकल इंटेलिजेंस को मजबूत करना चाहिए, जिसमें रेडिकलाइजेशन के लिए कमजोर इलाकों पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादा मजबूत प्रिवेंटिव पुलिसिंग के लिए कम्युनिटी आउटरीच और नागरिकों की भागीदारी को भी बढ़ाना चाहिए।
    • एक सेंट्रल डेटा रिपॉजिटरी बनाएं, जिसमें अस्पतालों, खासकर प्राइवेट अस्पतालों द्वारा काम पर रखे गए डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ के रिकॉर्ड हों, साथ ही उनकी मेडिकल डिग्री की डिटेल्स भी हों। जिन मामलों में मेडिकल प्रोफेशनल्स ने विदेश से डिग्री ली है, वहां सेकेंडरी बैकग्राउंड चेक के लिए जानकारी पुलिस डिपार्टमेंट के साथ भी शेयर की जानी चाहिए।
    • गाड़ियों, खासकर सेकंड हैंड गाड़ियों की बिक्री और खरीद में लगे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म और फाइनेंसर के साथ एक कंसल्टेशन एक्सरसाइज करें। साफ निर्देश दिए जाने चाहिए कि किसी भी हालत में ऐसी गाड़ियों को चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी, जिनका असली मालिक रजिस्टर्ड मालिक से अलग हो। यह समस्या ऑटो रिक्शा के मामलों में सबसे ज्यादा गंभीर बताई जाती है, जहां परमिट होल्डर असली मालिक से अलग होता है।