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    दिल्ली में इस दिन होगा कृत्रिम बारिश का पहला ट्रायल, क्लाउड सीडिंग का परीक्षण सफल; CM ने दी बड़ी जानकारी

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 10:45 PM (IST)

    दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम वर्षा कराने की दिशा में पहला कदम उठाया गया है। दिल्ली सरकार और आइआइटी कानपुर ने संयुक्त रूप से क्लाउड सीडिंग परीक्षण उड़ान का सफल आयोजन किया। मौसम विभाग के अनुसार, 29 अक्टूबर को दिल्ली में पहली कृत्रिम वर्षा हो सकती है। यह परीक्षण पाइरो विधि से किया गया, जिसमें विशेष फ्लेयर्स का उपयोग किया गया। पर्यावरण मंत्री ने इसे प्रदूषण नियंत्रण में मील का पत्थर बताया।

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    29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम वर्षा का अनुभव करेगी।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रदूषण से जंग में राजधानी में कृत्रिम वर्षा कराने के लिए बृहस्पतिवार को पहली क्लाउड सीडिंग परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई। यह उड़ान दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग और आइआइटी कानपुर के संयुक्त प्रयास से संचालित की गई, जिसमें विमान, सीडिंग फ्लेयर्स और सभी संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय की तैयारियों का परीक्षण किया गया।

    इस आशय की जानकारी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने देर शाम एक्स पर पोस्ट कर साझा की। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा बुराड़ी क्षेत्र में इसका सफल परीक्षण किया गया है। मौसम विभाग ने 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादलों की उपस्थिति की संभावना जताई है। यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम वर्षा का अनुभव करेगी।

    जानकारी के मुताबिक यह परीक्षण उड़ान आइआइटी कानपुर हवाई पट्टी से शुरू होकर कानपुर, मेरठ, खेकरा, बुराड़ी, सड़कपुर, भोजपुर, अलीगढ़ व कानपुर के मार्ग से हुई। खेकरा और बुराड़ी के बीच क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स सफलतापूर्वक फायर किए गए। साथ ही विमान की कार्यक्षमता, उपकरणों की स्थायित्व और सुरक्षा प्रोटोकाल का पूरी तरह मूल्यांकन किया गया।

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    तकनीकी अवलोकन

    पायलट की रिपोर्ट और विंडी प्रोफेशनल सिस्टम के डेटा के अनुसार, बृहस्पतिवार को दिल्ली के आसमान में अधिक बादल नहीं थे। केवल बुराड़ी के पास दो छोटे बादल के क्षेत्र परीक्षण के लिए पहचाने गए। इन क्षेत्रों में फ्लेयर्स सफलतापूर्वक फायर किए गए, जिससे विमान और सीडिंग उपकरण की संचालन क्षमता की पुष्टि हुई।

    उड़ान पाइरो विधि के जरिए संचालित की गई, जिसमें विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए फ्लेयर्स जिनमें सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड यौगिक होते हैं, विमान से छोड़े गए और वातावरण में उत्सर्जित किए गए। यह तकनीक पर्याप्त नमी होने पर संघनन और बादल निर्माण को बढ़ावा देती है।

    पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह सफल परीक्षण उड़ान दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के वैज्ञानिक दृष्टिकोण में एक मील का पत्थर साबित हुई। सभी तैयारी पूरी होने के बाद, राजधानी अब 28 से 30 अक्टूबर के बीच पूर्ण पैमाने पर क्लाउड सीडिंग और कृत्रिम वर्षा परीक्षण के लिए तकनीकी रूप से तैयार है — यह दिल्ली के लिए पहली बार है।

    उन्होंने कहा कि सभी सिस्टम- विमान से लेकर मौसम और पर्यावरण निगरानी तक पूरी तरह तैयार हैं। अब केवल उपयुक्त बादलों का इंतजार है, जो 29–30 अक्टूबर के बीच होने वाले वास्तविक सीडिंग के लिए अनुकूल होंगे। पर्यावरण विभाग आइआइटी कानपुर और विमानन प्राधिकरणों के साथ आगामी उड़ानों के लिए निगरानी और समन्वय जारी रखेगा।”