दिल्ली की हवा लगातार 13वें दिन 'बहुत खराब', आने वाले सप्ताह में भी हालात सुधारने की कम ही संभावना
दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार 13वें दिन 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, हालांकि हवा की गति बढ़ने से थोड़ी राहत मिली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 दर्ज किया गया। पूर्वानुमान है कि आने वाले सप्ताह में भी स्थिति में सुधार की संभावना कम है। प्रदूषण में वाहनों का उत्सर्जन सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा।
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार को लगातार 13वें दिन भी 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। हालांकि दिनभर खिली तेज धूप और हवा की रफ्तार बढ़ने से दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से हल्की राहत मिली है। लेकिन श्रेणी में बदलाव फिर भी नहीं हुआ। पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले सप्ताह में भी इस दिशा में अधिक राहत के आसार नहीं लग रहे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार बुधवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआइ बुधवार को 327 रहा, जबकि मंगलवार को यह 352 और सोमवार को 382 था। दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले सप्ताह में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' ही रहने की संभावना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का समीर एप, जो दिल्ली भर के निगरानी केंद्रों से वास्तविक समय की रीडिंग प्रदर्शित करता है, ने बुधवार शाम पांच बजे तक डेटा अपडेट नहीं किया था। मंगलवार को केवल एक स्टेशन - रोहिणी - ने 401 एक्यूआई के साथ वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया था। सोमवार को 15 स्टेशन 'गंभीर' श्रेणी में थे।
आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के अनुसार बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का योगदान 21.6 प्रतिशत था - जो सभी स्रोतों में सबसे ज्यादा है। पराली जलाने से प्रदूषण में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।बृहस्पतिवार के लिए यह क्रमशः 19.5 और 0.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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