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    दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रित करने पर 40 Startups की नजर, कार पूलिंग से लेकर पराली तक चुनौतियों पर चर्चा

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 07:40 PM (IST)

    दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लगभग 40 स्टार्टअप संस्थापक और कारोबारी प्रतिनिधि एकत्रित हुए। सेंट्रल पार्क में आयोजित इस बैठक में वेंचर कैपि ...और पढ़ें

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    पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए समस्या-केंद्रित समाधानों पर चर्चा करने के लिए शनिवार को करीब 40 स्टार्टअप संस्थापक और कारोबारी प्रतिनिधि एकत्र हुए। सेंट्रल पार्क में आयोजित इस बैठक में वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फर्मों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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    मोबिलिटी, कृषि और वायु शुद्धिकरण जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे स्टार्टअप्स ने अपने-अपने उपाय साझा किए और इन पहलों को बड़े स्तर पर लागू करने में आ रही चुनौतियों पर चर्चा की। कार पूलिंग और बाइक-पूलिंग प्लेटफॉर्म ‘क्विक राइड’ के सह-संस्थापक विशाल लवटी ने कहा कि निजी वाहन शहर के प्रदूषण स्तर में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

    उन्होंने कहा, “लंबी अवधि में इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे समाधान मददगार होंगे, लेकिन कुछ सरल कदम तुरंत उठाए जा सकते हैं। कार पूलिंग सबसे आसान और प्रभावी विकल्पों में से एक है, क्योंकि इसके लिए किसी अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की जरूरत नहीं होती, सिर्फ जागरूकता और भागीदारी जरूरी है।”

    एक अन्य उद्यमी, सरोजा अर्थ के रोशन शंकर ने कहा कि फसल अवशेषों का अधूरा जलना उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण बना हुआ है। उन्होंने कहा, “धान की पराली का विकेंद्रीकृत उपयोग ईंधन पेलेट्स, उर्वरक पेलेट्स, बायोचार और कटलरी के रूप में किया जा सकता है, जिससे पराली जलाने की समस्या को रोका जा सकता है।” शंकर पराली जलाने के अध्ययन में विशेषज्ञ हैं।

    दिल्ली निवासी और यूरोप, सिंगापुर व भारत में संचालित एक प्राइवेट इक्विटी फंड चलाने वाले ईश आनंद ने कहा कि स्टार्टअप संस्थापकों में बड़े पैमाने पर समाधान विकसित करने की क्षमता होती है और उन्होंने बैठक में चर्चा किए गए कुछ उपक्रमों को समर्थन देने की योजना जताई।

    बैठक का आयोजन करने वाली ‘द भारत प्रोजेक्ट’ की संस्थापक श्रद्धा शर्मा ने कहा कि अगले 11 महीनों में क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि शहर अगले साल वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सके।

    उन्होंने बताया कि कुछ विचारों को व्यापक स्तर पर अपनाने के लिए शहर प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। पिछले कई वर्षों की सर्दियों की तरह, दिल्ली इस बार भी जहरीली हवा की चपेट में है, जहां अधिकांश दिनों में प्रदूषण स्तर 300 से ऊपर दर्ज किया गया है।

    शनिवार को शहर की वायु गुणवत्ता और बिगड़ गई और “बहुत खराब” श्रेणी से फिसलकर “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गई्, यह स्तर स्वस्थ व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है। जहां रेड जोन में एक्यूआ 400 के पार चला गया है।

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