दिल्ली की हवा में 60 प्रतिशत तक जहर घोल रहा पड़ोसी जिलों का धुआं, रिपोर्ट में खुलासा
आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के अनुसार, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण का लगभग 65% शहर के बाहर से है, जिसमें झज्जर का योगदान सबसे अधिक है। झज्जर अ ...और पढ़ें
-1766070824328.webp)
आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के अनुसार, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण का लगभग 65% शहर के बाहर से है। फाइल फोटो
स्टेट ब्यूरो, नई दिल्ली। IITM पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के लेटेस्ट डेटा से पता चलता है कि दिल्ली का लगभग 65 प्रतिशत PM2.5 प्रदूषण शहर के बाहर से आता है। झज्जर जिला इसमें सबसे बड़ा योगदान देता है।
गुरुवार के डेटा के अनुसार, हरियाणा के झज्जर जिले ने दिल्ली के कुल PM2.5 प्रदूषण में 12.3 प्रतिशत का योगदान दिया। यह दिल्ली के अपने ट्रांसपोर्ट सेक्टर (18.3 प्रतिशत) के योगदान से थोड़ा ही कम है। अकेले झज्जर ही दिल्ली की हवा की क्वालिटी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है।
NCR के दूसरे जिलों ने भी काफी योगदान दिया। झज्जर के अलावा, रोहतक ने 4.8 प्रतिशत, भिवानी ने 1.4 प्रतिशत और सोनीपत ने 8.8 प्रतिशत का योगदान दिया। कुल मिलाकर, दिल्ली पहुंचने वाला लगभग 33 प्रतिशत प्रदूषण पड़ोसी NCR जिलों से आता है। इसके अलावा, लगभग 27 प्रतिशत प्रदूषण "अन्य स्रोतों" से आता है, जो मुख्य रूप से दिल्ली के बाहर स्थित हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, झज्जर में दो बड़े कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट मुख्य दोषी हैं। रोहतक, भिवानी और सोनीपत में छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों के समूह भी प्रदूषण में योगदान दे रहे हैं। जब पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलती हैं, तो यह धुआं सीधे दिल्ली पहुंचता है। पर्यावरणविद् सुनील दहिया ने कहा, "पावर प्लांट जैसे बड़े स्रोत अभी भी एक्टिव हैं और दिल्ली की हवा की क्वालिटी को प्रभावित कर रहे हैं।"
DSS के पूर्वानुमान के अनुसार, झज्जर का योगदान बढ़ सकता है, शुक्रवार को 18.2 प्रतिशत और शनिवार को 22.5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इस बीच, दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सेक्टर का योगदान 15 से 18 प्रतिशत के बीच रहेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।