दिल्ली हाईकोर्ट हुआ हाइब्रिड! वायु प्रदूषण के बीच घर बैठे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी पेशी
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में होने के कारण दिल्ली हाई कोर्ट ने बार के सदस्यों को हाइब्रिड तरीके से पेश होने की सलाह दी है। रजिस ...और पढ़ें
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दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई हाइब्रिड मोड में करने की सलाह दी।
आईएएनएस, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में होने के कारण दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को बार के सदस्यों और खुद पेश होने वाली पार्टियों को सलाह दी कि जहां भी सुविधाजनक हो, उनके सामने लिस्टेड मामलों में हाइब्रिड तरीके से पेश हों।
रजिस्ट्रार जनरल अरुण भारद्वाज द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है, "मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए यह निर्देश दिया जाता है कि यदि सुविधाजनक हो, तो बार के सदस्य/खुद पेश होने वाली पार्टियां अदालतों के सामने लिस्टेड अपने मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से हाइब्रिड तरीके से पेश हो सकते हैं।"
यह सलाह ऐसे समय आई है जब दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' कैटेगरी में बनी रही। सुबह-सुबह ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 457 तक पहुंच गया और कई इलाकों में 500 के निशान के करीब रिकॉर्ज किया गया।
लोग सोमवार को घने कोहरे और कम विजिबिलिटी केबीच अपने दफ्तर जाते दिखे। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने NCR में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-IV के तहत सबसे सख्त पाबंदियां लागू कीं है।
रविवार को इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी तरह की एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें वकीलों और मुकदमों से जुड़े लोगों से बिगड़ती हवा की गुणवत्ता के बीच वर्चुअल या हाइब्रिड सुनवाई का विकल्प चुनने का आग्रह किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने कहा कि यह एडवाइजरी चीफ जस्टिस सूर्यकांत के निर्देशों पर जारी की गई थी, जिसमें अगर सुविधाजनक हो तो उचित मामलों में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं का इस्तेमाल करने का आग्रह किया गया था। सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने से जुड़ी एक जनहित याचिका (PIL) पर तुरंत सुनवाई के लिए सहमत हो गया।

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