दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर चरम पर, प्रशासन की लापरवाही से धूल में उड़ रहीं ग्रेप-4 की पाबंदियां
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर है, पर प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों की लापरवाही जारी है। सरकारी एजेंसियों द्वारा टूटी सड़कों और मलबे के ढेरों से उ ...और पढ़ें
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आइटीओ सर्विस रोड पर डाला गया मलबा। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर चरम पर हैं लेकिन प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी जिन एजेंसियों पर हैं वह जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रही है। आलम यह है कि खुद सरकारी एजेंसियों की भी लापरवाही खुले तौर पर दिख रही है।
टूटी सड़कों से धूल उड़ रही है वहीं सड़कों के किनारे लगे पड़े मलबे और मिट्टी के ढेर से धूल से लोगों का सड़क पर निकलना मुश्किल है। यह हाल तब है कि जब ग्रेप चार की पाबंदियां लागू है और वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने पर चालान का प्रविधान। बावजूद एजेंसियां कोई प्रभावी कार्य नहीं करतीं दिख रही है।
सड़क पर खुले में गिराया जा रहा मलबा
मध्य दिल्ली की बात करें तो अरुणा आसफ अली रोड पर एमसीडी की मलबा संग्रहण साइट है बावजूद यहां पर सड़क पर खुले में मलबा पड़ा है। जबकि मलबा से धूल न उड़े इसके लिए साइटे के चारो ओर टीन शेड लगा रखी है। लेकिन, एमसीडी की लापरवाही के कारण टीन शेड से बाहर ही मलबा पड़ा रहता है जो कि धूल का कारण बनता है।
इसी प्रकार पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के पीछे मलबा संग्रहण साइट पर कई-कई दिनों तक मलबा पड़ा रहता है जो कि धूल का कारण बनता है। यहां पर एमसीडी की ओर से एंटी स्माग गन भी नहीं लगाई हुई है। मलबे के कारण धूल उड़ने से वायु प्रदूषण बढ़ता है।
दक्षिणी दिल्ली की बात करें तो ग्रेप 4 की पाबंदियों का उल्लंघन धड़ल्ले से कर रहे हैं। इसके अलावा ओखला स्टेट मार्ग पर तो सड़क से उठाया गया कूड़ा और मलबा भी सड़क किनारे ही पड़ा था, जो हवा के साथ उड़ता दिखाई दे रहा था।
खुलेआम हो रही ग्रेप-4 के नियमों की अनदेखी
बाहरी दिल्ली में ग्रेप 4 नियमों की अनदेखी खुलेआम हो रही है। नरेला स्थित 20-20 मीटर रोड पर टीपीडीडीएल की ओर से अंडर ग्राउंड केबल डालने का काम चल रहा है। ग्रेप-4 लगने के बाद केबल डालने का काम तो बंद हो गया, लेकिन सड़क पर करीब 500 मीटर तक जगह-जगह मिट्टी का ढ़ेर लगा मिला। जिसे ढका नहीं गया है।
वाहनों के निकलते ही इस पूरी सड़क पर धूल उड़ती दिख जाती है। मिट्टी के ढ़ेर पर पानी का छिड़काव भी होता नहीं दिखा। रोहिणी कई सेक्टरों में बिल्डिंग निर्माण सामग्री खुले में रखी दिखी। सामग्री कारोबारी खुलेआम ग्रेप नियमों की धज्जियां उड़ा रहेे हैं। रोहिणी सेक्टर-22 से सुल्तानपुरी टर्मिनल तक जाने वाली डीडीए की सड़क पर काफी धूल उड़ती दिखा।
कई जगहों पर पाइपलाइन डालने के बाद सड़क किनारे मिट्टी होने से और समस्या बढ़ गई है। इस सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है। मुकुंदपुर मेट्रो लाइन के साथ वाली सड़क पर करीब 300 मीटर तक धूल उड़ने से राहगीरों की समस्या बढ़ गई है। धूल उड़ने से सामने आ रही गाड़ियों का भी पता नहीं चलता।
इसके अलावा रोहिणी स्थित महादेव चौक के आसपास खाली पड़ी जमीन पर खुलेआम कूड़े में आग लगाने का सिलसिला ग्रेप लगने के बाद भी नहीं थम रहा है।
जलता कूड़ा और पत्तों का दृश्य आम
पूर्वी दिल्ली में कई स्थानों पर कूड़े और पेड़ की पत्तियों में आग लगाते हुए लोग आसानी से दिख जाएंगे। वहीं, सीलमपुर, बाबरपुर, शिव विहार से लेकर मयूर विहार, मंडावली, गणेश नगर, पांडव नगर में जगह-जगह पर खुले मे निर्माण सामग्री पड़ी है। साथ ही निर्माण कार्य भी हो रहे हैं। साथ ही सड़कों पर खुले में मलबा पड़ा हुआ है।
वहीं, जो गार्ड रात को ड्यूटी पर रहते हैं उन तक अभी तक सरकार द्वारा दिए जाने वाले हीटर भी नहीं पहुंचे हैं। इसकी वजह से मजबूरीवश वह लोग भी लकड़ी जलाकर सर्दी से बचने की कोशिश करते हुए आसानी से नजर आ जाते हैं। उल्लेखनीय है कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए विभिन्न एजेंसियों की 500 से अधिक टीमें 24 घंटे कहने को तैनात हैं लेकिन जमीनी स्तर पर वह कार्रवाई करती हुई नजर नहीं आ रही है।

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