दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ सरकार का एक्शन तेज, सिर्फ तीन दिन में पुलिस ने काट डाले 12,200 चालान
दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक परिवहन में इ ...और पढ़ें

प्रदूषण रोकथाम के लिए सरकार नियमों के उल्लंघन पर 12200 चालान काटे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने शनिवार को दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता कर अपनी सरकार के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बहुआयामी और सामूहिक प्रयास के बारे में विस्तार से बताया। परिवहन विभाग की भूमिका पर जोर देते हुए मंत्री डा सिंह ने कहा कि हमारी सरकार के लगातार प्रयासों से अब जमीनी स्तर पर असर साफ तौर पर दिखाई देने लगा है।
परिवहन से होने वाले प्रदूषण का दिल्ली के कुल प्रदूषण में लगभग 20-25 प्रतिशत बताते हुए इसे दूर करने के लिए उन्होंने सार्वजनिक परिवहन में पर्याप्त ई-बयों की बात पर जाेर दिया।
मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के पहल के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ईवी मोबिलिटी में तेजी आई है। सिर्फ यहीं नहीं, हमने दिल्ली परिवहन निगम के बेड़े में अबतक 3518 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया है। कहा कि हमारा लक्ष्य है कि अगले साल मार्च तक इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़कर 5000 से ज्यादा और नवंबर 2026 तक इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को बढ़ाकर 7000 से ज्यादा करने की है।
प्रदूषण नियंत्रण प्रवर्तन पर जोर
मंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण प्रवर्तन पर जोर दिया गया है। बीते तीन दिनों के अभियान में 12,200 चालान जारी किए गए। ग्रेप-चार की पाबंदियों के उल्लंघन में 446 चालान हुए। दिल्ली में प्रवेश कर रहे 1,492 वाहन वापस भेजे गए। पेट्रोल पंपों पर 24 घंटे पीयूसीसी जांच सिस्टम लागू। राजधानी दिल्ली के 15 बड़े प्रवेश द्वारों पर विशेष प्रवर्तन अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों के तहत पिछले दिनों में औद्योगिक इलाकों, रीडेवलपमेंट क्लस्टर्स और गैर अधिसूचित क्षेत्रों में कुल 3,052 निरीक्षण किए गए। जांच में औद्योगिक इलाकों की 251, रीडेवलपमेंट ज़ोन की 181 और गैर अधिसूचित क्षेत्रों की 180 फक्ट्रियां में नियमों का पालन करती नहीं पाई गईं। इन 612 इकाइयों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि अन्य की जांच की जा रही है।
अस्पतालों में 12 एमआआइ और 24 सीटी स्कैन मशीनें जल्द
वहीं मंत्री ने कहा कि प्रदूषण के बढ़ने से सभी सरकारी अस्पतालों को जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टाक बनाए रखने, विशेषज्ञ डाक्टरों को तैनात करने और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए खास इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक इलाज के लिए 28 करोड़ से ज्यादा की राशि दी जा चुकी है। दिल्ली में चल रहे 200 के अलावा 238 नए आरोग्य मंदिर दसे माह में खुलने जा रहे हैं। दिल्ली सरकार अस्पतालों में 12 एमआआइ और 24 सीटी स्कैन मशीनें लगाने रही हैं।

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