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     दिल्ली में बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 49 लाख, पुलिस ने तीन शातिरों को दबोचा

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 03:24 PM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने 71 वर्षीय बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख रुपये ठगने के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोप ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर। सौजन्य- जागरण ग्राफिक्स

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने 71 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 49 लाख रुपये ठगी करने के मामले में तीन आरोपित को गिरफ्तार किया है। कानून प्रवर्तन अधिकारियों का रूप धारण कर आरोपितों ने डरा धमका कर महिला को शिकार बनाया था। आरोपितों में दो ने साइबर सिंडिकेट को ठगी की रकम मंगवाने के लिए बैंक खाते व किट उपलब्ध कराए थे और एक ने अपना बैंक खाता कमीशन बेसिस पर सौंप दिया था।

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    डीसीपी क्राइम ब्रांच आदित्य गौतम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम अर्जुन सैनी, विमलेश व मोहम्मद आबिद उर्फ मुबाशिर है। अर्जुन सैनी, लखनऊ का रहने वाला और आठवीं पास है। उसने पैसे के बदले अपने नाम पर बैंक खाता खुलवा आरोपित विमलेश को सौंप दिया था।

    विमलेश, लखनऊ का रहने वाला। वह बीएससी कर रहा है। उसने साइबर अपराधियों को म्यूल बैंक अकाउंट देकर धोखाधड़ी में मदद की।.मोहम्मद आबिद उर्फ मुबाशिर, लखनऊ का रहने वाला है और 10वीं तक पढ़ा है। उसे पहले गिरफ्तार किए गए आरोपित मोहम्मद ओवैस से अकाउंट किट मिली और उसने उसे साइबर सिंडिकेट को बेच दिया था।

    क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से लखनऊ में छपेमारी कर डिजिटल अरेस्ट और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह से जुड़े तीन आरोपित को गिरफ्तार किया। घटना के बाद आरोपित फरार थे और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। उन्हें गहन टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस के जरिए ट्रैक करने के बाद पकड़ा जा सका।

    इस मामले में छह आरोपित को क्राइम ब्रांच पहले गिरफ्तार कर चुकी है और दो को बां पर छोड़ा गया है। यह सिंडिकेट पीड़ितों को डराने के लिए पुलिस अधिकारियों और सरकारी एजेंसियों का रूप धारण कर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करता था। पीड़ितों को कानूनी नतीजों की झूठी धमकी देकर बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करता था।

    अवैध फंड को बैंक खातों की कई लेयर्स के ज़रिए लांडर किया गया, जिसके बाद तेज़ी से एटीएम से पैसे निकाल लेता था। आरोपित गरीब और बेरोज़गार युवाओं को म्यूल अकाउंट खोलने और चलाने के लिए भर्ती भी करता जिससे अपराध की कमाई को आसानी से निकाला जा सके।