दिल्ली में GRAP-4 की सख्ती के बीच चार दिन में 2.12 लाख नए PUC जारी, प्रदूषकों पर शिकंजा कसने की तैयारी
दिल्ली में GRAP-IV की सख्ती के बीच प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 2.12 लाख नए PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। यह कदम वाहनों से ह ...और पढ़ें

दिल्ली में चार दिन में जारी किए गए 2.12 लाख से अधिक PUC।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी में GRAP-IV के कड़े प्रावधान लागू होने के बाद प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है। बीते चार दिनों में दिल्ली में 2.12 लाख से अधिक नए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) जारी किए गए हैं। यह जानकारी पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को दी।
मंत्री के अनुसार, इस अवधि में करीब 10 हजार वाहन अनिवार्य उत्सर्जन जांच में असफल पाए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और नियमों की अनदेखी करने वाले निजी कार्यालयों के खिलाफ अब कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार को सुधार की संभावना
प्रेस वार्ता में सिरसा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर में कमी आने से मंगलवार से मौसम की स्थिति में सुधार की संभावना है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले कारखानों और उद्योगों को बिना किसी अतिरिक्त चेतावनी के सील किया जाएगा।
इसके अलावा जिन इकाइयों ने ऑनलाइन कंसेंट मैनेजमेंट (OCM) के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
पर्यावरण मंत्री ने निजी कंपनियों को निर्देश दिया कि वे 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति और वर्क-फ्रॉम-होम के नियमों का पालन करें। उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद किया जाएगा।
अवैध उद्योगों को बंद करने के लिए निरीक्षण जारी
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की टीमें अवैध उद्योगों को तुरंत बंद करने के लिए लगातार निरीक्षण कर रही हैं। इसके साथ ही राजधानी में सड़कों की धुलाई, कचरे का बायोमाइनिंग के जरिए निपटान जैसे कदम भी तेज किए गए हैं।
सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभिन्न एजेंसियों और स्थानीय निकायों के समन्वय से दिल्ली को धूल-मुक्त बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके अलावा डीडीए और राजस्व विभाग के सहयोग से जल निकायों के पुनर्जीवन की योजना पर भी काम चल रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्षों में लुप्त हो चुके कम से कम 50 प्रतिशत जल स्रोतों को फिर से विकसित किया जाए।
समाचार एजेंसा पीटीआई के इनपुट के साथ

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।