DeepSeek: गोपनीयता की दीवार में सेंध, क्या हाई कोर्ट की सख्ती से चीनी AI पर लगेगी लगाम?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा है कि चीन निर्मित एआई चैटबॉट डीपसीक से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए उसकी क्या योजना है। याचिकाकर्ता भावना शर्मा ने जनहित याचिका दायर कर इस प्लेटफॉर्म को गोपनीयता और सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। न्यायालय ने सरकार से शीघ्र समाधान करने को कहा है और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है।

चीन निर्मित एआई चैटबॉट डीपसीक से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए उसकी क्या योजना है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से चीन निर्मित एआई चैटबॉट डीपसीक से संबंधित चिंताओं के समाधान हेतु उसकी योजनाओं के बारे में पूछा। याचिकाकर्ता भावना शर्मा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने केंद्र सरकार के स्थायी वकील (सीजीएससी) ईशकरण भंडारी को इस संबंध में निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसका शीघ्र समाधान आवश्यक है। न्यायालय ने पूछा कि मंत्रालय इसका समाधान कैसे करेगा। पीठ ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म से संबंधित चिंताओं का शीघ्र समाधान किया जाना चाहिए। न्यायालय ने मामले पर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
अधिवक्ता भावना शर्मा ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर चिंता व्यक्त की कि ये प्लेटफॉर्म व्यक्तियों की गोपनीयता और सुरक्षा का उल्लंघन करते हैं और भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं। याचिका में, उन्होंने ऐसे एआई उपकरणों तक पहुँच को अवरुद्ध करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के निर्देश देने की मांग की।

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