हिंदी शोध को बढ़ावा: दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के लिए आवेदन शुरू, शोधार्थियों को हर महीने मिलेंगे 75,000 रुपये की मानदेय
दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के द्वितीय संस्करण की शुरुआत हो चुकी है, जिसका उद्देश्य हिंदी में मौलिक शोध को बढ़ावा देना है। राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, ...और पढ़ें
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दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के दायरे को ध्यान में रखते हुए निर्णायक मंडल के सदस्यों का चयन किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अपनी भाषा हिंदी में मौलिक शोध को बढ़ावा देने के लिए दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के द्वितीय संस्करण की शुरुआत हो चुकी है। दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के अंतर्गत राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, अर्थनीति और कूटनीति आदि में मौलिक शोध कराने के लिए शोधार्थियों से आवेदन आमंत्रित करने की तिथि घोषित कर दी गई है। आवेदन आरंभ हो चुके हैं और अंतिम तिथि 30 जनवरी, 2026 है। आवेदन केवल आनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे।
आवेदनकर्ताओं को संबंधित विषय पर हजार शब्दों में एक सिनाप्सिस भेजना होगा। इसके आधार पर दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के सम्मानित निर्णायक मंडल मंथन कर विषय और शोधार्थी का चयन करेंगे। निर्णायक मंडल द्वारा चयनित विषय पर शोधार्थी को कम से कम छह महीने और अधिकतम नौ महीने के लिए दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति दी जाएगी।
दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हर महीने 75,000 रु. मानदेय दिए जाने का प्रावधान है। दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के दौरान चयनित शोधार्थी को हर तीन महीने पर अपने कार्य की प्रगति रिपोर्ट विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के अंतर्गत किए गए शोधकार्य के प्रकाशन में दैनिक जागरण सहायता करेगा। पुस्तक पर शोधार्थी का सर्वाधिकार सुरक्षित रहेगा।
दैनिक जागरण ज्ञानवृत्ति के दायरे को ध्यान में रखते हुए निर्णायक मंडल के सदस्यों का चयन किया गया है। चयन मंडल में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहास अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रो. हीरामन तिवारी, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डा. हिना सिंह और भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के प्रोफेसर प्रमोद कुमार हैं। इन तीन के अलावा दैनिक जागरण के प्रतिनिधि भी रहेंगे।

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