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    क्या है 'ऑपरेशन साइबर हॉक', दिल्ली पुलिस ने 48 घंटे के लिए चलाया; पकड़े गए 700 से अधिक अपराधी

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 10:49 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई ने 'ऑपरेशन साइबर हॉक' के तहत 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस 48 घंटे के ऑपरेशन में धोखाधड़ी, फिशिंग और फर्जी ग्राहक सेवा घोटालों का पता चला। जांच में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का खुलासा हुआ है। पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भी भंडाफोड़ किया और आठ लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि मुख्य आरोपी शानू फरार है।

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    दिल्ली पुलिस ने 48 घंटे के लिए चलाया ऑपरेशन साइबर हॉक।

    एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई ने संयुक्त रूप से की गई एक बड़ी कार्रवाई में 700 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, 'साइबर हॉक' कोडनेम वाले 48 घंटे के इस ऑपरेशन में धोखाधड़ी, फिशिंग, फर्जी ग्राहक सेवा घोटाले, निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल भुगतान चोरी में शामिल संगठित साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का पता लगाया गया।

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    प्रारंभिक जांच में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के संदिग्ध और धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता चला है। यह कई स्थानों से संचालित साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह की ओर इशारा करता है। विभिन्न टीम ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में छापेमारी की। कई संदिग्धों को हिरासत में लिया, डिजिटल उपकरण जब्त किए, जाली दस्तावेज बरामद किए और पीड़ितों के पैसे निकालने में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की पहचान की।

    वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में भी यह अभियान जारी रहेगा क्योंकि और अधिक डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है और देश भर के सिंडिकेट से संबंधों का पता लगाया जा रहा है।

    इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के सतबारी गांव में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया और एक महिला समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों पर एक रिहायशी इमारत से बड़े पैमाने पर अवैध कॉल सेंटर चलाने और वीओआईपी-आधारित कॉलिंग सेटअप, विदेशी डेटाबेस और जाली संचार उपकरणों का इस्तेमाल करके विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप है।

    अधिकारियों के अनुसार, यह रैकेट शानू नाम का एक वांछित अपराधी चला रहा था, जिसकी पहले भी अवैध गतिविधियों में संलिप्तता रही है। वह छापेमारी से कुछ क्षण पहले ही भाग गया था और अभी फरार है। उसकी तलाश के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। अभियान के दौरान, पुलिस को पता चला कि कॉल सेंटर के लिए इस्तेमाल की गई इमारत शानू के छोटे भाई रेहान उर्फ टिन्नी के नाम पर पंजीकृत थी।

    अधिकारियों ने बताया कि आगे की जांच के लिए इमारत को सील कर दिया गया है। मौके से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए, जिनमें कई कंप्यूटर सिस्टम, मोबाइल फोन, वीओआईपी सॉफ्टवेयर, विदेशी डेटा सेट और धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए जाने वाले दस्तावेज शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि यह सेटअप एक वैध अंतरराष्ट्रीय ग्राहक सहायता केंद्र जैसा दिखता था। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि इस गतिविधि के पैमाने और अन्य साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क से उनके संबंधों का पता लगाया जा सके।