द्वारका में महिला सुरक्षा को लेकर छिड़ी बहस
द्वारका में सड़क पर एक युवती का पीछा कर अश्लील हरकत करने वाला कोई और नहीं दिल्ली पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर निकला। द्वारका जिला पुलिस ने इस मामले में आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : द्वारका में सड़क पर एक युवती का पीछा कर अश्लील हरकत करने वाला कोई और नहीं दिल्ली पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर निकला। द्वारका जिला पुलिस ने इस मामले में आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना ने उपनगरी में महिला सुरक्षा को लेकर एक बहस छेड़ दी है। उपनगरी की महिला संगठनों ने इस मामले में आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इनका कहना है कि कानून को ऐसे आरोपितों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत नहीं करे। बॉक्स..
इस तरह की घटनाओं को सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उपनगरी जैसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में यह हरकत महिला सुरक्षा के नाम पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है। आरोपित की पहले काउंसिलिग होनी चाहिए ताकि उसने कितना घिनौना कार्य किया है, इसका उसे पता चले। इसके बाद कानून के हिसाब से उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
उर्मिला शर्मा, द्वारका पुलिस ही जब इस तरह की हरकत करेगी, तो दूसरों से भला क्या उम्मीद की जा सकती है। इस तरह की घटनाओं के बाद लोग अपनी बेटियों को घर से बाहर अकेले आखिर कैसे भेजेंगे। अच्छी बात यह है कि पुलिस ने तत्परता दिखाई और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
प्रोमिला मलिक, द्वारका
द्वारका में महिला पुलिस की तैनाती अधिक से अधिक होनी चाहिए ताकि महिलाएं खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर सकें। पुलिस को पिक पीसीआर की व्यवस्था उपनगरी में गश्त के लिए करनी चाहिए। कई बार महिलाएं पुलिस के पास जाने से हिचकिचाती है। इस तरह के कदम से महिलाएं पुलिस के पास अपनी बात अच्छे से कह सकेंगी।
रंजना गुप्ता, द्वारका सड़कों पर पुलिस की दृश्यता जितनी अधिक होगी, बदमाशों में उतना भय होगा। सबसे बड़ी बात कि इससे लोग अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। खासकर महिलाओं में सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास बढ़ेगा। ऐसी तभी होगा जब पुलिस अपनी सक्रियता बढ़ाएगी। हालांकि इस मामले में द्वारका जिला पुलिस ने आरोपित को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर एक अच्छा कार्य किया है।
रश्मि बत्रा, द्वारका इस मामले में सबसे अधिक सराहनीय कार्य उस पीड़ित लड़की ने किया है जिसके साथ यह घटना हुई। आज उनके साहस के कारण ही आरोपित पुलिस की पकड़ में है। लेकिन इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि जिनके हाथों में हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संविधान ने दे रखी है, जब वही ऐसी हरकत करेंगे, तो महिलाएं अपनी गुहार कहां लगाएंगी।
नमिता चौधरी, द्वारका पुलिस की दृश्यता अधिक से अधिक होनी चाहिए। पुलिस को खुद ही ऐसे गलियारे की पहचान करनी चाहिए, जहां अपराधी सक्रिय रहते हैं। ऐसे गलियारों में पुलिस की दृश्यता अधिक से अधिक होनी चाहिए। जब तक बदमाशों को यह नहीं लगेगा कि पुलिस की नजर चप्पे- चप्पे पर है, तब तक बदमाश इस तरह की हरकत करेंगे।
सुषमा भट्ट, द्वारका इस तरह की हरकत करने वाले लोग मानसिक तौर पर विकृति के शिकार होते हैं। इनके मन में महिलाओं के प्रति थोड़ा भी सम्मान का भाव नहीं होता। ऐसे लोग की काउंसिलिग बेहद जरूरी है। एक व्यक्ति जिस पर न सिर्फ लड़कियों बल्कि समाज के सभी लोग की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, उसकी यह हरकत आश्चर्य में डालती है। इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
गरिमा, द्वारका
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