14 साल पराने डकैती के मामले में देरी करने और झूठी गवाही देने के आरोपी पूर्व SHO के खिलाफ कार्यवाही पर कोर्ट ने लगाई रोक
पटना हाई कोर्ट ने 14 साल पुराने डकैती मामले में सुनवाई में देरी और झूठी गवाही देने के आरोपी पूर्व एसएचओ के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी है। जस्टिस अंजनी कुमार शरण की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि कार्यवाही शुरू करने से पहले सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं ली गई थी। अदालत ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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पूर्व थाना प्रभारी के खिलाफ 14 साल पुराने मामले में कोर्ट ने दी राहत।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एक अदालत ने 14 साल पुराने डकैती के एक मामले में मुकदमे में देरी करने और झूठी गवाही देने के आरोपित एक पूर्व थाना प्रभारी (एसएचओ) के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आदर्श नगर थाने के पूर्व थाना प्रभारी विश्राम मीणा और अन्य अधिकारियों ने 2010 के इस मामले की सुनवाई में देरी की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना ने अभियोजन पक्ष को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख तीन दिसंबर तक उनके खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी।
मीणा ने निचली अदालत द्वारा बीते वर्ष दो अप्रैल और 27 फरवरी को पारित दो आदेशों को चुनौती दी है। अधिकारी की ओर से पेश हुए वकील ऋषभ जैन ने कहा कि अंतरिम राहत की आवश्यकता है क्योंकि उनके खिलाफ आरोप तय करने की तारीख तय हो चुकी है। दलीलों पर विचार करने के बाद, अदालत ने न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा जिंदल के समक्ष चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बाबरू भान ने बीते वर्ष 10 जनवरी को मुख्य महानगर दंडाधिकारी के समक्ष मामला दायर करने का आदेश दिया था। न्यायिक दंडाधिकारी नेहा पांडे के समक्ष मामला दर्ज किया गया। बीते वर्ष दो अप्रैल को उन्होंने शिकायत का संज्ञान लिया और मीना, उप-निरीक्षक कृष्ण लाल, सहायक उप-निरीक्षक अविनाश और कांस्टेबल देवेंद्र सहित आरोपी पुलिसकर्मियों को सम्मन जारी किया था।
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