अब नहीं दिखेगा डलाव घर पर कूड़े का ढेर
कूड़े घर के बाहर कूड़े का अंबार, सड़क पर कूड़े को लेकर जा रही गाड़ियां हर समय अव्यवस्था का माहौल बनाती हैं। कूड़े की बदबू से लोग परेशान हो जाते हैं। खासकर नजफगढ़ जोन के इलाके में यह सबसे ज्यादा देखी जाती है। अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने नजफगढ़ जोन से डलाव घर को हटाने का फैसला किया है। अब कूड़े को सीधे मशीन में डालकर ओखला के लैंडफिल साइट पर भेजे जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। आनेवाले छह महीने में योजना पूरी तरह से शुरू कर दी जाएगी।
भगवान झा, पश्चिमी दिल्ली
डलाव घर के बाहर कूड़े का अंबार और सड़क पर कूड़ा ले जा रही गाड़ियां हर समय अव्यवस्था का माहौल बनाती हैं। इसकी बदबू से लोग परेशान हो जाते हैं। खासकर, नजफगढ़ जोन इलाके में यह समस्या सबसे ज्यादा नजर आती है। अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने नजफगढ़ जोन से डलाव घर को हटाने का फैसला किया है। अब कूड़े को सीधे मशीन में डालकर ओखला के लैंडफिल साइट पर भेजने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। आने वाले छह माह में योजना पूरी तरह से शुरू कर दी जाएगी।
सभी वार्डो में लगेंगी कांपैक्टर मशीनें
योजना के मुताबिक नजफगढ़ जोन के अंतर्गत आने वाले 25 वार्डो में एक-एक कांपैक्टर मशीन लगाई जाएगी। यह मशीन पूरे वार्ड के कचरे को कंप्रेस कर सीधे लैंडफिल साइट पर ले जाएगी। इससे कूड़े को डलाव घर में लाने की जरूरत ही महसूस नहीं होगी। योजना के मुताबिक वार्ड में उन 25 जगहों को चिन्हित कर लिया गया है, जहां पर सबसे ज्यादा अव्यवस्था रहती है। दिल्ली वेस्ट मैनेजमेंट को 2150 रुपये प्रति मीट्रिक टन कूड़ा के निस्तारण के हिसाब से पैसे दिए जाएंगे।
जोन में 35 मोबाइल ट्रांसमिशन सिस्टम करेंगे काम
फिक्सड कांपैक्टर ट्रांसमिशन के अलावा नजफगढ़ जोन में 35 मोबाइल ट्रांसमिशन सिस्टम भी कार्य करेंगे। ये मशीनें उन स्थानों पर जाएंगी जहां से ज्यादा कूड़ा निकलता है। इन्हें बाजार, पांच सितारा होटल के आसपास खड़ा किया जाएगा, जिससे यहां से सीधे कचरे का निस्तारण मोबाइल ट्रांसमिशन सिस्टम से किया जा सके।
बढ़ेगी ऑटो टिपर की संख्या
अभी हर वार्ड में चार से पांच ऑटो टिपर दिए गए हैं। इन मशीनों के आने के बाद इनकी संख्या एक वार्ड में सात से आठ कर दी जाएगी। ऑटो टिपर घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने के बाद सीधे फिक्सड कांपैक्टर ट्रांसमिशन मशीन के पास जाएगी और कचरे को मशीन में डाल देगी। इससे जमीन पर कचरे को रखने की जरूरत ही महसूस नहीं होगी।
शारीरिक श्रम होगा कम
नजफगढ़ जोन में 25 जगहों पर इस मशीन का प्रयोग किया जाएगा। हर वार्ड में इस मशीन को लगाने के लिए अलग से कूड़ाघर का निर्माण किया जाएगा। हालांकि, पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी जोन के अधिकतर वार्डो में कांपैक्टर मशीन से काम शुरू हो गया है। इस मशीन के प्रयोग से शारीरिक श्रम काफी कम हो जाएगा और निगम इन कर्मचारियों से अन्य कार्यो को करा सकेगा।
कैसे काम करेगी मशीन
कूड़ा निस्तारण के लिए यह मशीन बिजली से चलेगी। मशीन में एक बटन लगा है, जिसको दबाने के बाद मशीन का गेट खुल जाएगा और उसमें कूड़ा डाला जा सकेगा। इसके बाद मशीन कूड़े को दबाकर उसे छोटे भाग में तब्दील कर देगी। प्रत्येक मशीन में करीब आठ से दस टन कूड़ा एकत्रित किया जा सकता है। इसके बाद टोइंग मशीन से इस कंप्रे¨सग मशीन को लैंडफिल साइट तक ले जाएगा, जहां मशीन को खाली किया जाएगा।
कूड़ा घर रहेंगे व्यवस्थित
कूड़ा घर के बाहर अक्सर अव्यवस्थित ढंग से कूड़े का ढेर पसरा रहता है। इसके कारण मच्छर और बदबू से लोगों का बुरा हाल रहता है। अव्यवस्था के कारण कूड़ा घर के आसपास आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है, लेकिन मशीन के प्रयोग के बाद इस समस्या से निजात मिल जाएगी।
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नजफगढ़ जोन में मशीन से कूड़े के निस्तारण की योजना को स्थायी समिति की बैठक में पास कर दिया गया है। हमारा प्रयास स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाना है। इसमें काफी हद तक हम सफल हो रहे हैं। नजफगढ़ जोन में इस योजना से कूड़े की समस्या का निस्तारण काफी हद तक हो जाएगा। आने वाले छह माह में इसका असर लोगों को दिखाई देने लगेगा।
कमलजीत सहरावत, नेता सदन, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम।
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