आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलकर कर रहे थे बच्चों की तस्करी, झारखंड के 12 नाबालिगों का दिल्ली में रेस्क्यू
झारखंड के 12 नाबालिग बच्चों को दिल्ली से बचाया गया। तस्कर आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलकर बच्चों से बाल श्रम करवा रहे थे। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है। यह घटना बाल तस्करी के गंभीर मुद्दे को दर्शाती है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में घरों में काम करने के लिए तस्करी कर झारखंड के विभिन्न जिलों से लाए जा रहे 12 नाबालिगों को आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से उतारा गया। झारखंड भवन के एकीकृत पुनर्वास सह-संसाधन केंद्र को मिले इनपुट पर इन नाबालिगों को रेस्क्यू कराया।
जन्मतिथि बदलवा दी
इनमें आठ लड़कियां और चार लड़के हैं। जांच में सामने आया कि इनमें से कई नाबलिगों को बालिग दिखाने के लिए तस्करों ने उनके आधार कार्ड को अपडेट कराकर जन्मतिथि बदलवा दी। रेस्क्यू कराई गई एक लड़की से पुराना और अपडेट आधार कार्ड मिला है। पुराने आधार के अनुसार उसकी आयु 17 वर्ष है, जबकि अपडेट कराकर आधार कार्ड से उसकी आयु 21 वर्ष करा दी गई है।
काउंसिलिंग कराई जा रही
झारखंड भवन के अधिकारी की मानें तो आधार कार्ड के रिकाॅर्ड से अपडेट कराने वाले दो लोगों को चिह्नित किया गया है। इसमें एक दिल्ली और दूसरा झारखंड का रहने वाला है। उनकी धरपकड़ के लिए प्रयास जारी हैं। रेस्क्यू कराए गए नाबालिगों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर काउंसिलिंग कराई जा रही है।
आईजी आरपीएफ को निर्देश जारी
झारखंड भवन के एकीकृत पुनर्वास सह-संसाधन केंद्र को सूचना मिली थी कि झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में दुमका के कुछ बच्चों को तस्करी कर लाया जा रहा है। सूचना मिलते पर मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के संज्ञान में लाया गया। एनएचआरसी ने तत्काल डीसीपी जीआरपी और आईजी आरपीएफ को निर्देश जारी किए।
12 नाबालिगों को ट्रेन से उतारा
इसके बाद झारखंड भवन के अधिकारी मिशन मुक्ति फाउंडेशन, रेस्क्यू फाउंडेशन, अफंता इंडिया फाउंडेशन और चाइल्ड हेल्पलाइन की संयुक्त टीम ने रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर 12 नाबालिगों को ट्रेन से उतारा। ये नाबालिग झारखंड के दुमका, पलामू, रांची, सिमडेगा और गुमला जिले से हैं।
दस्तावेजों में दिखाया बालिग
ट्रेन से उतारी गई एक किशोरी पहले से द्वारका में घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही है। वह झारखंड से इन नाबालिगों ला रही थी। इससे पूछताछ में सामने आया कि तस्करों का गिरोह झारखंड के गरीब परिवारों के बच्चों के आधार कार्ड अपडेट कर उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक दर्शा देता है, ताकि उन्हें कानूनी रूप से बालिग बताकर प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिये दिल्ली में घरेलू सहायिका और सहायक के तौर पर घरों पर लगाया जा सके।
किशोरी ने बताया कि उसकी वास्तविक उम्र 17 वर्ष है, लेकिन आधार कार्ड अपडेट कराकर उसकी उम्र को 21 वर्ष कराया गया है। उसने अपना पुराना आधार कार्ड फोन में दिखाया, जबकि प्रिंटेड अपडेट आधार कार्ड उसके पास मिला। रेस्क्यू कराने गई टीम का मानना है कि इनके साथ तस्कर भी ट्रेन में होंगे, लेकिन वह निकल गए।
तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करेंगे
झारखंड भवन के एकीकृत पुनर्वास सह-संसाधन केंद्र की नोडल अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह घरों में नौकरी लगाने का झांसा देकर नाबालिगों को यहां लाते हैं। इन पर शिकंजा कसने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। ट्रेन से उतारे गए नाबालिगों की काउंसिलिंग कराई जा रही है। उनसे जो जानकारी मिलेगी, उसके आधार पर झारखंड में तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने का काम किया जाएगा।

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