Delhi Crime: गर्लफ्रेंड के फ्लैट में छात्र की मौत, CBI ने दर्ज किया हत्या का केस
दिल्ली में गर्लफ्रेंड के फ्लैट में होटल मैनेजमेंट के छात्र की मौत के मामले में CBI ने हत्या का केस दर्ज किया है। यह मामला संदिग्ध परिस्थितियों में हुई ...और पढ़ें

छात्र अर्नव दुग्गल की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हाे जाने के मामले में सीबीआई ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम जिला के द्वारका स्थित गर्लफ्रेंड के फ्लैट में होटल मैनेजमेंट के छात्र अर्नव दुग्गल की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हाे जाने के मामले में सीबीआई ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना बीते 12 जून 2017 की है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में मृतक अर्नव दुग्गल के माता-पिता की याचिका स्वीकार करने के बाद दिल्ली पुलिस से यह जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। अर्नव दुग्गल आइटीसी ग्रैंड भारत में काम करता था। उस माता-पिता ने दिल्ली पुलिस पर जांच में लापरवाही बरतने की शिकायत कर हाई कोर्ट ने न्याय की गुहार लगाई थी।
स्थानीय थाना पुलिस ने शुरू में इस मामले को आत्महत्या बताया था। पुलिस का कहना था कि दुग्गल की गर्लफ्रेंड, मेघा ने उसे सीलिंग फैन से लटका हुआ देखा था, जिसपर उसने उसे नीचे उतारने के लिए रस्सी काटी और फिर अपने दोस्तों को बताया था।कोर्ट में शिकायत करने पर घटना के एक साल बाद कोर्ट के आदेश पर क्राइम ब्रांच ने हत्या की धारा में केस दर्ज किया था।
आठ साल बाद भी पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली।
पुलिस ने जवाब में कहा कि उन्होंने मामले की पूरी तरह से जांच की लेकिन उन्हें हत्या का कोई एंगल नहीं मिला। सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच पर कई बार नाराज़गी जताई। 2018 में अदालत को सीलिंग फैन पर जाले और जमी हुई धूल पर ध्यान दिया और पुलिस को मौत को आत्महत्या दिखाने की जानबूझकर कोशिश के लिए फटकार लगाई।
अदालत ने कहा कि यह सोचना भी मुश्किल है कि 80 किलो वजन का कोई व्यक्ति कपड़े से पंखे से लटका होता, तो पंखे पर जमी धूल और यहां तक कि नाजुक जाले भी बिल्कुल वैसे ही रहते। दुग्गल की मां, अनु ने अदालत को घटना वाले दिन उनके पति द्वारा खींची गई कमरे की तस्वीरें दीं। उन्होंने दावा किया कि मेघा ने रस्सी काटकर दुग्गल को नीचे उतारा था।
अदालत को बताया गया कि युवक रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था, लेकिन पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने से इन्कार कर दिया। अदालत ने कहा था कि उसके माता-पिता द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बावजूद, ऐसा लगता है कि शुरू से ही इस मामले की जांच को आत्महत्या की दिशा में ले जाने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है और सवाल किया कि दुग्गल की गर्दन के पिछले हिस्से पर कोई लिगेचर निशान क्यों नहीं दिख रहा था, जैसा कि फांसी से होने वाली आम मौत के मामले में होता है।
पटेल नगर में रहने वाले दुग्गल अपनी मौत से एक दिन पहले मेघा से मिलने गया था। पूछताछ के दौरान, उसने पुलिस को बताया था कि वह अपनी दो सहेलियों के साथ सफदरजंग और मालवीय नगर के क्लबों में गई थी और फिर रात में नोएडा में एक जगह गई थी।
उसके बाद, दुग्गल ने उन दोनों को घर छोड़ा और फिर मेघा को द्वारका, सेक्टर 10 में उसके घर ले गया था। मेघा ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उसकी मां और भाई घर पर नहीं थे क्योंकि वे दूसरे शहर में रिश्तेदारों से मिलने गए थे। उनके पिता पूर्व-नौसेना अधिकारी हैं और एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं।
अगले दिन, वह दोपहर में उठी और सोचा कि दुग्गल चला गया होगा क्योंकि वह लिविंग रूम में नहीं था। लेकिन जब उसने देखा कि फ्लैट का मुख्य दरवाज़ा अंदर से बंद देखा और उसे दूसरे कमरे में देखने गई तब दुग्गल को पंखे से लटका हुआ पाया था। तब उसने अपने पिता को फोन किया था। उनके घर आने पर उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड को पुलिस को फोन करने के लिए कहा था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।