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    पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज, स्वास्थ्य विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का है मामला

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 05:08 PM (IST)

    दिल्ली के पूर्व मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हजारों करोड़ रुपये के अस्पताल घोटाले में केस दर्ज किया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद एसीबी ने यह कार्रवाई की। एफआईआर में दोनों मंत्रियों और पांच ठेकेदारों को नामजद किया गया है, जबकि सरकारी अधिकारियों की पहचान अभी बाकी है। 

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    सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार के मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने केस दर्ज किया है। इससे पहले, हजारों करोड़ से अधिक के अस्पताल घोटाले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एसीबी को दो पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच करने की स्वीकृति दी थी।

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    इस मामले में एसीबी ने दोनों मंत्रियों, पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य विभाग के सरकारी अधिकारियों और निजी ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। एफआईआर में दोनों मंत्रियों और पांच ठेकेदारों को नामजद किया गया है। दोनों विभाग के सरकारी अधिकारी अभी नामजद नहीं हैं। उनकी पहचान की जानी है। प्रारंभिक जांच में कई कमियों का पता चला है जिसका एफआईआर में जिक्र किया गया है।

    24 अस्पताल परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप

    दोनों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17ए के तहत केस दर्ज किया गया है। इनपर आरोप है कि 2018-19 में 5,590 करोड़ की लागत वाली 24 अस्पताल परियोजनाओं (11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड) को इन्होंने स्वीकृति प्रदान की थी। इसके तहत 6,800 की बिस्तर क्षमता वाले सात आईसीयू अस्पतालों को सितंबर 2021 में छह माह के भीतर 1,125 करोड़ रुपये की लागत से बनाने की बात थी, जो तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने पर 800 करोड़ की लागत में अब तक 50 प्रतिशत निर्माण कार्य ही पूरा हो पाया है।

     विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने की थी शिकायत

    22 अगस्त 2024 को वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एसीबी में शिकायत कर धांधली किए जाने का आरोप लगाया था। उपराज्यपाल से जांच की स्वीकृति नहीं मिलने पर एसीबी में फाइल दबी हुई थी। इस पर एसीबी ने जांच के लिए उपराज्यपाल से स्वीकृति मांगी थी। शिकायत में कहा गया था कि एलएन अस्पताल न्यू ब्लॉक परियोजना के लिए 465.52 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी। चार वर्षों में 1,125 करोड़ रुपये से लगभग तिगुनी हो गई है। वहीं, 168.52 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत 94 नियोजित पॉलीक्लीनिक में 52 का निर्माण किया गया, वह भी 220 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई लागत पर। इसकी भी शिकायत की गई।