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    दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के सबसे बड़े सोर्स का पता चला, CAQM ने समाधान भी बताया

    By Jagran News NetworkEdited By: Sonu Suman
    Updated: Fri, 20 Jun 2025 10:37 PM (IST)

    सीएक्यूएम के सदस्य वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि एनसीआर में वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक नहीं है। पुराने, अत्यधिक प्रदूषणकारी बीएस-तीन/बीएस-चार वाहनों, विशेष रूप से हल्के, मध्यम और भारी माल वाहनों को स्क्रैप करना जरूरी है, क्योंकि ये उच्च उत्सर्जन करते हैं, जो वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है।

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के सदस्य (तकनीकी) वीरेंद्र शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि इस पर जोर देने की कोई आवश्यकता नहीं है कि पूरे एनसीआर में वायु प्रदूषण के कुल भार में परिवहन क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक है। इस क्षेत्र से संबंधित वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों के एक हिस्से के रूप में ही उम्र पूरी कर चुके (ईओएल) वाहनों के एक बड़े बेड़े को स्क्रैप में बदलना होगा।

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    उन्होंने बताया कि ये सभी वाहन बीएस-तीन/बीएस-चार मानकों के अत्यधिक प्रदूषणकारी वाहनों की श्रेणी में आते हैं। शर्मा ने बताया कि विभिन्न मूल्यांकन अध्ययनों ने स्थापित किया है कि परिवहन और वाणिज्यिक माल वाहनों के सभी वर्ग-अर्थात हल्के माल वाहन (एलजीवी), मध्यम माल वाहन (एमजीवी), और भारी माल वाहन (एचजीवी)-विशेष रूप से वे जो बीएस-चार उत्सर्जन मानकों से नीचे चल रहे हैं, उनसे काफी अधिक उत्सर्जन होता है।

    डेटा की वास्तविक समय पर रिकॉर्डिंग और ट्रैकिंग संभव

    बीएस चार वाहनों में बीएस छह वाहनों की तुलना में 4.5 गुना अधिक पीएम उत्सर्जन होता है। बकौल शर्मा, दिल्ली भर में 500 पेट्रोल पंपों पर लगे एएनपीआर कैमरों से वाहनों के डेटा की वास्तविक समय पर रिकॉर्डिंग और ट्रैकिंग संभव हो गई है। अब तक इस सिस्टम के जरिए कुल 3.63 करोड़ वाहनों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 4.90 लाख वाहनों की पहचान उम्र पूरी कर चुके (ईओएल) वाहनोें के रूप में की गई है।

    वाहनों के डेटा की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही

    इसके अतिरिक्त, 29.52 लाख वाहनों ने अपने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) का नवीनीकरण कराया है, जिसके परिणामस्वरूप 168 करोड़ के चालान काटे गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की 100 समर्पित टीमें सबसे ज़्यादा ईओएल वाहनों वाले ईंधन स्टेशनों की पहचान करने और लक्षित अनुपालन कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए वाहनों के डेटा की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही हैं।

    मालूम हो कि दिल्ली में उम्र पूरी कर चुके वाहनों की संख्या लगभग 62 लाख है। इसमें से 41 लाख दोपहिया, 18 लाख कारें जबकि तीन लाख तिपहिया वाहन हैं।