Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली-NCR में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर CAQM की बैठक में अहम फैसले, वाहन-पराली और धूल को लेकर सख्त रुख

    By SANJEEV KUMAR GUPTAEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 08:36 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर CAQM की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट और ऑडिट रिपोर्ट को मंजूरी दी गई, साथ ही संशोधित GRA ...और पढ़ें

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली।  दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को लेकर Commission for Air Quality Management (CAQM) की 26वीं बैठक सोमवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता आयोग के चेयरपर्सन राजेश वर्मा ने की। इसमें हवा की गुणवत्ता सुधारने से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैठक में आयोग की वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट और ऑडिट रिपोर्ट को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही 21 नवंबर 2025 को संशोधित ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को भी मंजूर किया गया, जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार बदला गया है।

    सार्वजनिक परिवहन बढ़ाने पर दिया जाएगा जोर

    आयोग ने बताया कि प्रदूषण के अधिक स्तर पर लागू किए जाने वाले GRAP के नियमों में नीचे के सभी स्तरों के नियम अपने आप शामिल होंगे। मौजूदा सर्दियों के मौसम में GRAP के तहत की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की गई और बिजली आपूर्ति बनाए रखने, ट्रैफिक जाम कम करने, लोगों को जागरूक करने और सार्वजनिक परिवहन बढ़ाने जैसे कदमों पर जोर दिया गया।

    विशेषज्ञ समिति को दी गई मंजूरी

    बैठक में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बनाई गई विशेषज्ञ समिति को भी मंजूरी दी गई। इस समिति की अध्यक्षता IIT मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला करेंगे। यह समिति वाहन प्रदूषण, स्वास्थ्य पर इसके असर, साफ-सुथरे परिवहन, इलेक्ट्रिक वाहनों की तैयारी और नियमों में सुधार से जुड़े विषयों पर काम करेगी।

    टैक्सी और डिलीवरी कंपनियां अपनाएंगी जीरो एमिशन वाहन

    आयोग ने टैक्सी एग्रीगेटर्स, डिलीवरी और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए शून्य-उत्सर्जन वाहनों को अपनाने से जुड़े नियमों पर भी चर्चा की। तय किया गया कि मौजूदा फ्लीट में BS-VI पेट्रोल दोपहिया वाहन 31 दिसंबर 2026 तक शामिल किए जा सकेंगे, जबकि अन्य श्रेणियों में सामान्य पेट्रोल-डीजल वाहनों को 1 जनवरी 2026 से शामिल करने पर रोक रहेगी।

    पराली जलाने की स्थिति की समीक्षा की

    बैठक में 2025 के दौरान धान की पराली जलाने की स्थिति की समीक्षा की गई। आयोग ने बताया कि 2021 की तुलना में NCR में पराली जलाने की घटनाओं में करीब 92 प्रतिशत की कमी आई है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को निर्देश दिए गए कि वे 2026 में गेहूं की कटाई के समय पराली जलाने से रोकने के लिए राज्य स्तर पर कार्ययोजनाएं तैयार करें।

    धूल नियंत्रण के लिए सख्ती करने की बात

    इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों पर की गई कार्रवाई, बंद और फिर से शुरू की गई फैक्ट्रियों तथा कानूनी मामलों की स्थिति की भी समीक्षा की गई। निर्माण और तोड़फोड़ से निकलने वाले कचरे पर चिंता जताते हुए आयोग ने कहा कि इससे निकलने वाली धूल दिल्ली-एनसीआर में PM10 और PM2.5 प्रदूषण का बड़ा कारण है। नगर निगमों और विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिए गए कि वे धूल नियंत्रण के नियमों का सख्ती से पालन कराएं और निर्माण कचरे के सही निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

    बीएस-3 और उससे पुराने वालों पर रहेगी सख्ती

    बैठक में पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। आयोग ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2025 के आदेश के अनुसार BS-IV और उससे नए वाहनों को फिलहाल जबरन कार्रवाई से राहत मिलेगी, जबकि BS-III और उससे पुराने अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। संबंधित एजेंसियों को इन आदेशों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।

    आयोग ने कहा कि सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सभी विभागों को मिलकर लगातार निगरानी करनी होगी और नियमों को सख्ती से लागू करना होगा। सभी एजेंसियों ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को पूरी गंभीरता से लागू करने की बात कही।