Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जीवन का प्रत्येक दिन वर्ग पहेली: डॉ सत्यपाल मलिक

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 11 Jul 2018 08:07 PM (IST)

    हमारे जीवन का प्रत्येक दिन वर्ग पहेली के समान है। जो इस हल कर लेता है वह जीवन के सफर पर आगे बढ़ता रहता है। दिल्ली छावनी स्थित केंद्रीय विद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय अंतर विद्यालय वर्ग पहेली प्रतियोगिता के शुभारंभ पर ये बातें बिहार के राज्यपाल डॉ सत्यपाल मलिक ने कही। मंगलवार को यहां दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों से प्रतिभागी विद्यार्थी जुटे थे। इनमें दिल्ली स्थित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल, गाजियाबाद स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 24 नोएडा स्थित केंद्रीय विद्यालय व गुरुग्राम सेक्टर 14 स्थित डीएवी पब्लिक सकूल ने प्रतियोगिता के छठे संस्करण में प्रथम चार में जगह बनाते हुए ग्रेंड फिनाले के लिए चयनित हुए।

    जीवन का प्रत्येक दिन वर्ग पहेली: डॉ सत्यपाल मलिक

    नोट--बिहार के ध्यानार्थ जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : हमारे जीवन का प्रत्येक दिन वर्ग पहेली के समान है। जो इसे हल कर लेता है वह जीवन के सफर पर आगे बढ़ता रहता है। दिल्ली छावनी स्थित केंद्रीय विद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय अंतर विद्यालय वर्ग पहेली प्रतियोगिता के शुभारंभ पर ये बातें बिहार के राज्यपाल डॉ. सत्यपाल मलिक ने कहीं। मंगलवार को यहां दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों से प्रतिभागी विद्यार्थी जुटे थे। इनमें दिल्ली स्थित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल, गाजियाबाद स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-24 नोएडा स्थित केंद्रीय विद्यालय व गुरुग्राम सेक्टर-14 स्थित डीएवी पब्लिक सकूल ने प्रतियोगिता के छठे संस्करण में प्रथम चार में जगह बनाते हुए ग्रैंड फिनाले के लिए चयनित हुए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डॉ. सत्यपाल ने कहा कि भारत में मष्तिष्क से जुड़े खेलों की शानदार परंपरा रही है। इन्हें खेलने से हमारे अंदर आलोचनात्मक सोच की क्षमता आती है। शतरंज इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके ¨सह ने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने भीतर आलोचनात्मक सोच की क्षमता का विकास करें। आलोचनात्मक सोच जीवन में सफलता की राह को आसान करती है। वर्ग पहेली को हल करने का नियमित अभ्यास आपके सोचने की क्षमता को बढ़ाता है और धीरे-धीरे आप आलोचनात्मक सोच की क्षमता का विकास कर लेते हैं। आयोजन से जुड़े लोगों ने बताया कि दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अलावा यह प्रतियोगिता 37 अलग-अलग शहरों में भी आयोजित होनी है। यह प्रतियोगिता जयपुर में भी आयोजित हुई। समारोह में केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त संतोष मल्ल, नवोदय विद्यालय समिति के आयुक्त बीके ¨सह भी उपस्थित थे।

    प्रतियोगिता के मुख्य संरक्षक विवेक कुमार ¨सह ने बताया कि प्रतियोगिता का पहला संस्करण वर्ष 2013 में आयोजित किया गया था।