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    दिल्ली के हजारों व्यापारियों को बड़ी राहत, निगम ने घटाया कन्वर्जन शुल्क; अब 40 की जगह देना होगा मात्र 5 लाख

    Conversion Fee Reduction स्थायी समिति ने इस संबंध में प्रस्ताव को पारित करते हुए सेवा सेक्टर को औद्योगिक क्षेत्रों में किए जाने की मंजूरी दी है। इतना ही ऐसा करने के लिए पूर्व में लगने वाले भारी भरकम कन्वर्जन शुल्क से भी मुक्ति दी है।

    By Prateek KumarEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 08:30 PM (IST)
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    उम्मीद है कि इससे अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा।

    नई दिल्ली [निहाल सिंह]। Conversion Fee Reduction: निगम ने ट्रेड व फैक्ट्री लाइसेंस को सस्ता करने के साथ व्यापारियों को दोहरा तोहफा दिया है। अब औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग के साथ 100 से ज्यादा श्रेणी में व्यापार हो सकेगा। स्थायी समिति ने इस संबंध में प्रस्ताव को पारित करते हुए सेवा सेक्टर को औद्योगिक क्षेत्रों में किए जाने की मंजूरी दी है। इतना ही ऐसा करने के लिए पूर्व में लगने वाले भारी भरकम कन्वर्जन शुल्क से भी मुक्ति दी है। अब मात्र पांच हजार रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से डेवलपमेंट शुल्क देकर यह लाभ उठाया जा सकेगा।

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    इस आदेश का क्या मिलेगा लाभ

    स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन बताया कि केंद्र सरकार ने ऐसा करने की मंजूरी दी थी। वह आदेश हमारे पास आया हमने उसे तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे औद्योगिक क्षेत्रों में आइटी सेक्टर, मीडिया, बायोटेक्नोलाजी, रिसर्च एंड डेवलंपमेंट डिजाइन, बिजनेस सर्विस, शिक्षा सेवाएं, बैकिंग आदि किया जा सकेगा।

    अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मिलेगा सहयोग

    जैन ने कहा कि उम्मीद है कि इससे अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा। वहीं, व्यापार करना सस्ता होगा। क्योंकि पहले 100 वर्ग मीटर के लिए 30-40 लाख रुपये का कन्वर्जन चार्ज लगता था वह मात्र करीब पांच लाख में हो जाएगा। दिल्ली के करीब नार्थ एमसीडी में सात आठ इंडस्ट्रियल एरिया में हजारों व्यापारियों को फायदा होगा। वहीं पूरी दिल्ली में करीब 51 औद्योगिक क्षेत्र हैं।

    बता दें कि कोरोना महामारी के कारण देश दुनिया में लाकडाउन लगा जिसके कारण लंबे समय तक कारोबारियों को परेशानी हुइ। दुकानें फैक्ट्री सभी बंद रहने से काम पूरी तरह ठप हो गया था। इसके बाद जब कोरोना का असर कम हुआ तो सरकार ने कुछ रियायत दी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से आगे बढ़ते रोजी रोटी का पीछे धकेल दिया। हालांकि अब माहौल पहले की तुलना में बेहतर हैं। ऐसे में सरकार अब चाह रही है कि व्यापारी एक बार फिर से आगे बढ़ें जिसे मार्केट में जान आ सके।