Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत टैक्सी: दिल्ली-एनसीआर की सवारी ढुलाई में लाएगा क्रांतिकारी बदलाव, मनमाने किराए से मिलेगी मुक्ति

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 09:41 PM (IST)

    भारत टैक्सी, सहकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में कैब सेवाओं में क्रांति लाना है। यह कैब मालिकों को मनमा ...और पढ़ें

    Hero Image

    कैब मालिकों को मनमाने कमीशन तथा यात्रियों को मनमाने किराये से मुक्ति मिलेगी।

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। चालक और यात्रियों के बीच कैब का एसी चलाने को लेकर विवाद अक्सर होते हैं। चालक शिकायत करते मिलते हैं कि एग्रीगेटर कंपनियों द्वारा उनसे इतना अधिक कमीशन वसूला जा रहा है कि, उनकी कैब का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। इसलिए कैब का एसी न चलाकर खर्च बचा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, यात्री आरोप लगाते हैं कि व्यस्त समय में एप बेस्ड कैब कंपनियों द्वारा उनसे मनमाना किराया वसूला जा रहा है। इन सभी शिकायतों से यात्रियों और कैब मालिकों दोनों को मुक्ति मिलेगी। केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय के मार्गदर्शन में शुरू ''भारत टैक्सी'' दिल्ली-एनसीआर की सवारी ढुलाई में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है।

    इसमें, कैब मालिकों को मनमाने कमीशन तथा यात्रियों को मनमाने किराये से मुक्ति मिलेगी। सहकार माडल से संचालित इस एप बेस्ड कैब, टैक्सी, आटो व बाइक सेवा में वाहन मालिक कंपनी के अंशधारक भी बनेंगे। साथ ही उन्हें जीवन तथा स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।

    दिल्ली में इस सेवा का पायलट प्रोजक्ट शुरू हो गया है, जिसे सभी सराह रहे हैं। इस संबंध में कैब संचालकों के साथ ही टैक्सी व आटो चालक संगठनों से सहकार टैक्सी कोआपरेटिव लिमिटेड (एसटीसीएल) के प्रतिनिधि मुलाकात कर चालकों को जोड़ने में जुटे हुए हैं। किराया संबंधित व्यवहारिकताओं और अन्य मांगों को समझा जा रहा है।

    एसटीसीएल के एक अधिकारी ने बताया कि फिलवक्त उनकी सेवा सीमित है, यह प्रयोग के दौर में है, लेकिन नए वर्ष तक इसकी विधिवत शुरुआत के साथ दिल्ली-एनसीआर में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इसमें लाभ उतना ही कंपनी अपने पास रखेगी, जिससे उसका संचालन होता रहे। बाकि, का लाभ चालकों को दिया जाएगा, जबकि किराये में व्यवहारिकता रहेगी।

    दिल्ली में आटो की संख्या एक लाख से अधिक है, जबकि 30 हजार से अधिक काली-पीली टैक्सी तथा 60 हजार से अधिक कैब संचालित होते हैं। इसी तरह, 15 से 20 हजार बाइक टैक्सी दिल्ली की सड़कों पर संचालित होती है।

    दिल्ली में विभिन्न एप बेस्ड कैब एग्रीगेटर कंपनियों द्वारा कैब मालिकों से ही प्रति यात्रा पर कुल भाड़ा का 10 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाता है। साथ ही व्यस्त समय में यात्रियों से तीन गुना तक किराया चार्ज किया जाता है। वहीं, एसटीसीएल द्वारा चालकों से पूरे दिन का शुल्क बिना जीएसटी के 30 रुपये या एक यात्रा पर 6.5 रुपए चार्ज किया जाएगा। इसी तरह, इनका अधिकतम किराया व्यस्त समय में डेढ़ से दो गुना तक प्रस्तावित है।

    वैसे, किराये को लेकर अध्ययन जारी है। एसटीसीएल के अधिकारी ने बताया कि अभी प्रयोग के तौर पर कैब का किराया निर्धारित किया जा रहा है, उसपर चालकों और यात्रियों की प्रतिक्रिया देखी जा रही है। उस आधार पर किराया निश्चित होगा।
    भारत टैक्सी सेवा फिलवक्त गुजरात व दिल्ली में लागू किया गया है। गुजरात में अभी चालकों को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। जबकि, दिल्ली में सेवा भी शुरू हो गई है। वैसे, अभी कम ही कैब, आटो पंजीकृत होने से इसकी सेवा सुचारू नहीं है।

    34 प्रीपेड बूथ होंगे, उन्नत मिलेगी भारत टैक्सी

    दिल्ली में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस अड्डों समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर कुल 34 प्रीपेड टैक्सी, आटो बूथ बने हुए हैं। उनके संचालन की जिम्मेदारी भारत टैक्सी को मिली है। ऐसे में उसे उन्नत करने का काम शुरू हो गया है। एयरपोर्ट का बूथ नए रंग में नजर आने लगा है। एसटीसीएल के मुताबिक, बूथ पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जाएगी। ताकि, यात्रियों के साथ मनमानी न हो।

    जब एप बेस्ड कैब एग्रीगेटर कंपनियां आई थी तब उन्होंने बिना किसी कमीशन के ही कैब चालको को जोड़ा था। अब उनका कमीशन कुल किराये का 30 प्रतिशत तक पहुंच गया है, इससे चालकों के साथ गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में भारत टैक्सी निश्चित ही क्रांतिकारी पहल है। इसमें चालकों को न सिर्फ आर्थिक आजादी मिलेगी, बल्कि वह कंपनी के अंशधारक भी होंगे। - सुमित भारद्वाज, अध्यक्ष, एक्सपर्ट ड्राईवर सोल्यूशन भारतीय चालक सेना

    यह बेहतर व्यवस्था है। जुड़ने को लेकर बातचीत जारी है। उसमें किराये की व्यवहारिकता और दूसरे राज्यों के सवारी वाहनों के दिल्ली पर चलने पर रोक लगाने के साथ चालकों के हित के अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा चल रही है। जल्द ही हम अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे। - राजेंद्र सोनी, अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन व दिल्ली आटो रिक्शा संघ (बीएमएस)