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    बारापुला पुल: 400 साल पुराने ढांचे का होगा पुनरुद्धार, दिसंबर तक कार्य पूरा; पर्यटकों के लिए खोला जाएगा

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 06:23 AM (IST)

    400 साल पुराने बारापुला पुल का संरक्षण कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा दिसंबर से पहले पूरा किया जाएगा। मुगल बादशाह जहांगीर के शासनकाल में बने इस पुल को अतिक्रमण हटाने के बाद संरक्षित किया जा रहा है। पुल की मरम्मत, दरारें भरने और ऊपरी भाग को मजबूत करने का काम चल रहा है। एएसआई दूसरे चरण के काम के बाद इसे पर्यटकों के लिए खोलने पर विचार करेगी।

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    400 साल पुराने बारापुला पुल के पुनरुद्धार का काम जारी।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। जिस बारापुला पुल राष्ट्रीय स्मारक के नाम पर बारापुला एलिवेटेड कारिडाेर का नाम पड़ा है, इस 400 साल पुराने पुल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) नया जीवन देने में लग गया है। इसी उद्देश्य ये इस पुल स्मारक का संरक्षण कार्य शुरू किया गया है जो दिसंबर से पहले पूरा कर लिया जाएगा।

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    उपराज्यपाल के निर्देश पर इसके ऊपर से हटाए गए अतिक्रमण के बाद इसे संरक्षित करने की योजना पर पिछले दो साल से चल रहा है काम। बारापुला पुल 1612-1621 के बीच मुगल बादशाह जहांगीर के शासनकाल में बनाया गया था। इसका नाम इसके 12 खंभों और 11 मेहराबों के कारण पड़ा था। यह कभी दिल्ली का सबसे खूबसूरत पुल माना जाता था। मगर पिछले कई साल से बदहाल स्थिति में था।

    दो चरणों में निर्धारित किया गया काम

    बारापुला पुल पर दो चरणों में काम निर्धारित किया गया। पहले चरण में इसके ऊपर से अतिक्रमण हटाया गया है। इसका तकनीकी सर्वेक्षण किया गया। यहां पर क्या-क्या काम कराए जाने की जरूरत है, इसकी योजना बनाई गई। इसके बाद इसका प्रस्तावित काम दाे भागों में बांटा गया है। पहले चरण के तहत इस पर गेट लगाकर बंद किया गया ताकि इस पर आक्रमणकारी दोबारा से कब्जा न कर सकें।

    दूसरे चरण के तहत इसके ऊपर बनाई गई सड़क की राेड़ी व कोलतार सामग्री हटाने का काम अब शुरू किया गया है। वर्षों से बनती आ रही सड़क के कारण इस पर काफी सामग्री एकित्रत हो गई है। इस सामग्री को पूरी तरह से हटाने के बाद पुल की छत यानी ऊपरी भाग को पुरातात्विक विधि से मजबूती दी जाएगी। जिससे इसके अंदर पानी प्रवेश नहीं कर सके। पुल के दोनों ओर लगे कई बुर्ज टूट चुके हैं उन्हें फिर से लगाया जाएगा।

    पुल मे आ चुकीं दरारें भरी जाएंगी। पुल के 12 खंभों का भी तकनीकी सर्वेक्षण कराया गया है जिसमें फिलहाल अभी इन खंभों में काम कराए जाने की जरूरत महसूस नहीं की गई है। एएसआई दूसरे चरण के काम के समाप्त होने के बाद तय करेगी कि पर्यटकों के लिए इसे आगे किस रूप में स्थापित किया जाना है।

    एएसआइ के अधिकारी ने कहा कि इसके संरक्षण कार्य काे नवंबर अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने उपराज्यपाल वी के सक्सेना को अक्टूबर के अंत तक काम पूरा कर लेने का की तारीख दी थी, मगर मानसून की वर्षा देर तक रहने के कारण दूसरे चरण का काम देर से शुरू हो सका। उन्होंने बताया कि अब पुल के ऊपर से रोड़ी व कोलतार सामग्री हटाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है।