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    सिग्नल-फ्री कनेक्ट होंगे दिल्ली के ये दो जिले, मिनटों में तय होगी दूरी; नया फ्लाईओवर बनने से और क्या होगा फायदा

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 10:22 PM (IST)

    बारापुला फेज-तीन परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति जल्द मिलने की उम्मीद है, क्योंकि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने साइट का ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो,जागरण, नई दिल्ली। बारापुला फेज-तीन परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति जल्द ही मिल सकती है, क्योंकि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने हाल ही में साइट का सर्वेक्षण किया है। अधिकारियों के अनुसार मंजूरी को अंतिम रूप देने से पहले समिति द्वारा 27 जून को एक और सर्वेक्षण किया जाएगा।

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    बता दें कि सीईसी एक पांच सदस्यीय समिति है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी परियोजनाओं में वनरोपण और पेड़ काटने की अनुमति की निगरानी के लिए बनाया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने मई की शुरुआत में साइट का दौरा करने के दौरान कहा था कि समिति से मंजूरी प्राप्त करने का काम जारी है।

    पेड़ों की कटाई की अनुमति मिलने के बाद परियोजना को पूरा होने में करीब छह महीने लगेंगे। कहा कि हाल ही में सीईसी द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया था और हमें उम्मीद है कि जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। हमारा लक्ष्य इस साल के अंत तक निर्माण कार्य पूरा करना है।

    अधिकारियों ने कहा कि साइट पर 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है और सीईसी सर्वेक्षण 21 जून को किया गया था। फ्लाईओवर परियोजना के तीसरे चरण में मयूर विहार फेज-एक (पूर्वी दिल्ली) और एम्स (दक्षिणी दिल्ली) के बीच सिग्नल-फ्री कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।

    नया फ्लाईओवर सराय काले खां में मौजूदा बारापुला फ्लाईओवर के साथ मिल जाएगा। यह परियोजना 2014 से निर्माणाधीन है और इसकी लागत में कई बार बढ़ोतरी हुई है और समय सीमा 2017 में निकल चुकी है। देरी के कारण परियोजना की लागत 964 करोड़ रुपये की जगह 1,326 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है।