अरावली को खत्म करने की रची जा रही साजिश, दिल्ली पर गहराएगा प्रदूषण का संकट: अनुराग ढांडा
आम आदमी पार्टी के अनुराग ढांडा ने अरावली पर्वत माला को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहाड़ियों को हटाने से ...और पढ़ें

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने अरावली पर्वत माला को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा दी जा रही सफाई पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अगर अरावली की पहाड़ियों को हटाने की खुली छूट मिल गई तो दिल्ली पर मंडरा रहा प्रदूषण का संकट और गंभीर हो जाएगा। भाजपा सरकार अपने उद्योगपति दोस्तों के इशारे पर अरावली रेंज को खत्म करने की साजिश रच रही है। भाजपा सरकार को पर्यावरण या देश की नहीं चिंता नहीं है, उसे तो सिर्फ अपने बिजनेसमैन दोस्तों की चिंता है। सिर्फ इसलिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री सफाई दे रहे है। अब लोगों को इसके खत्म होने के दुष्परिणाम समझ में आ रहा है। इसलिए सरकार को अपने कदम पीछे खींचने का डर सताने लगा है।
अनुराग ढांडा ने अरावली पर्वत को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के बयान पर कहा कि अरावली रेंज को लेकर आज के समय में बहुत सारी चिंताएं हैं, जिसे हम सोशल मीडिया पर भी देख रहे हैं और अलग-अलग गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) भी इस पर बात कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है, वह केंद्र सरकार के हलफनामे और उनकी मांग पर आधारित है। 2010 में भी तत्कालीन सरकार द्वारा इसी तरह की कोशिश की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
अनुराग ढांडा ने कहा कि जिस प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका हो, दोबारा उसी प्रस्ताव को लाने का क्या मतलब हो सकता है? इसके पीछे निश्चित रूप से कोई कोई बड़ा व्यापारिक हित काम कर रहा है। इसीलिए सरकार इसे दोबारा लेकर आई, इसे लागू कराने की तैयारी की और सुप्रीम कोर्ट से पास करा लिया। अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव इसलिए सफाई देने आ रहे हैं, क्योंकि वे लोगों का नहीं, बल्कि किसी बिजनेस हाउस या लॉबी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
अनुराग ढांडा ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि लोग जागरूक हो गए हैं और इस पर चर्चा हो रही है, तो अब उन्हें डर है कि कहीं कदम पीछे न खींचने पड़ जाएं। जिस लॉबी ने यह काम करवाया है, अब वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को आगे करके इसका बचाव करवा रही है। अरावली रेंज को खत्म करने की यह एक बहुत बड़ी साजिश है, जो केंद्र सरकार के इशारे पर उनके किसी उद्योगपति मित्र के कहने पर रची गई है। लोगों को अब धीरे-धीरे समझ में आ रहा है कि अगर अरावली रेंज को इस तरह खत्म कर दिया गया और 100 मीटर से नीचे की सभी पहाड़ियों को हटाने की खुली छूट मिल गई, तो दिल्ली पर मंडरा रहा प्रदूषण का संकट और गंभीर हो जाएगा। इसके पर्यावरणीय परिणाम बहुत खतरनाक होंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव केवल अपने उद्योगपति मित्र को बचाने के लिए ही ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।

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