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    AQI 400 पार... फिर भी खुला बाजार; आनंद विहार में प्रदूषण के साथ अतिक्रमण का डबल अटैक

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 05:27 AM (IST)

    पूर्वी दिल्ली का आनंद विहार प्रदूषण का केंद्र बना हुआ है। नगर निगम ने फुटओवरब्रिज से अवैध बाजार हटाने का दावा किया था, पर दो दिन में ही बाजार फिर से सज गया। अतिक्रमण हटाने के सरकारी दावे झूठे साबित हो रहे हैं। पीडब्ल्यूडी और निगम अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है। दैनिक जागरण द्वारा मुद्दा उठाने पर भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।

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     नगर निगम ने फुटओवरब्रिज से अवैध बाजार हटाने का दावा किया था, पर दो दिन में ही बाजार फिर से सज गया। 

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। आनंद विहार प्रदूषण के कारण हॉटस्पॉट बना हुआ है। बुधवार को यहां का एक्यूआई 426 रहा। नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन ने रविवार को आनंद विहार बस अड्डे के बाहर फुटओवरब्रिज पर लगे अवैध बाजार को हटाने पर अपनी पीठ थपथपाई। दो दिन बाद बाजार फिर से खुल गया है। सर्दी के कपड़े, खाने-पीने का सामान और इलेक्ट्रॉनिक सामान बिक रहा है।

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    सरकार और नगर निगम का दावा है कि मुख्य सचिव के आदेश पर गठित टीमें अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। इस कार्रवाई का काला सच सफेद कागज पर झूठ की तरह लिखा जा रहा है। हकीकत से हर कोई आंखें मूंदे हुए है। पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अधिकारियों के साथ-साथ सत्ता में बैठे नेताओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। फुटओवरब्रिज से बाजार क्यों नहीं हट पा रहा है? इस अवैध बाजार को क्यों नहीं हटाया जा रहा है, इसका जवाब कोई नहीं दे रहा है।

    दैनिक जागरण फुटओवरब्रिज पर लगने वाले अवैध बाजार के मुद्दे को गंभीरता से उठाता रहा है। खबर प्रकाशित होने के बाद नगर निगम ने दो बार कार्रवाई की। निगम, पीडब्ल्यूडी और पुलिस यहां के हालात नहीं बदल पा रहे हैं। कुछ दिन पहले, नगर निगम उपायुक्त बादल कुमार ने शाहदरा ज़िले की अतिरिक्त उपायुक्त नेहा यादव के साथ आनंद विहार का निरीक्षण किया था। नेहा यादव ने पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र के थाना प्रभारी को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे।

    निगम ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया था। फिर भी, अतिक्रमण नहीं हटाया गया। हैरानी की बात यह है कि डीएमआरसी फुटओवर ब्रिज, पीडब्ल्यूडी फुटओवर ब्रिज से जुड़ा हुआ है, फिर भी माफिया पीडब्ल्यूडी की संपत्ति पर अपना कब्ज़ा जमाए हुए हैं। वे डीएमआरसी की संपत्ति पर कब्ज़ा नहीं कर पा रहे हैं। सड़क के डिवाइडर पर लोहे की जाली लगी हुई है।

    नतीजतन, पैदल चलने वालों के पास जान जोखिम में डालकर फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। कुछ दिन पहले, ज़ोन चेयरमैन रामकिशोर शर्मा ने दावा किया था कि अगर अतिक्रमण हटाना है, तो लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि आनंद विहार के सभी लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर हटा दिए जाएँगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

    लोक निर्माण विभाग ने फुटओवर ब्रिज की सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात किए हैं। उनका काम अतिक्रमण हटाना नहीं है। अतिक्रमण के लिए कौन ज़िम्मेदार है, यह पता नहीं चल पाया है।

    -शिवम, सुरक्षा प्रभारी, फुटओवर ब्रिज।