मृत व्यक्तियों के फर्जी हस्ताक्षर से जमीन कब्जाने का आरोप, अल फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन पर नया केस दर्ज
अल फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन पर जमीन कब्जाने का नया आरोप लगा है। उन पर मृत व्यक्तियों के फर्जी हस्ताक्षर करके जमीन हड़पने का आरोप है। शिकायत मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ट्रस्ट पर पहले भी कई अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। जामिया नगर स्थित अल फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के ईडी की हिरासत में जाने के बाद घपलों-घोटलों के पुराने केस भी सामने आने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला मदनपुर खादर के खसरा नंबर 792 का है। इक्कीस वर्ष पहले यह जमीन तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन के नाम कराई गई थी, जिसके निदेशक जवाद और उसका भाई सुफियान अहमद सिद्दीकी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की जांच में सामने आया है कि पहले जवाद के करीबी विनोद कुमार के नाम पर जमीन ट्रांसफर की गई, फिर फाउंडेशन को बेची गई। हैरानी की बात यह है कि कई जमीन मालिकों की मौत वर्ष 1972 और 1998 के बीच ही हो गई थी।
बावजूद इसके 2004 में जनरल पावर आफ अटार्नी (जीपीए) में मरे हुए लोगों के साइन या अंगूठे के निशान लिए गए थे। जांच में आया कि सात जनवरी 2004 को खसरा नंबर 792 की जमीन पर एक जीपीए बनाई गई। इसे विनोद कुमार पुत्र भूले राम के नाम किया गया।
इसमें सभी मृत जमीन मालिकों के नाम, उनके हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान दर्ज किए गए। बाद में जमीनों को सेल डीड के जरिए विनोद ने 27 जून 2013 को 75 लाख रुपये में तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन को बेच दी जबकि 21 दिसंबर 2012 को जवाद के नाम पर फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन हुआ। इस फर्जीवाड़े को लेकर जवाद समेत ओम चौहान, विनोद कुमार, नरेंद्र कुमार व सैयद सहाल के खिलाफ पीड़ित भगत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।