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    Delhi AIIMS News: मरीजों को राहत, अब स्मार्ट लैब में ब्‍लड के एक सैंपल से होगी 85 तरह की जांच

    By Pradeep ChauhanEdited By:
    Updated: Tue, 21 Sep 2021 11:24 AM (IST)

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ एम्स पहुंचे। उन्होंने टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया व एम्स के निर्देशक डा. रणदीप गुलेरिया का आभार जताया।

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    एम्स में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्मार्ट लैब में सैंपल की जांच। प्रतीकात्‍मक चित्र।

    नई दिल्‍ली, जागरण संवादाता। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के साथ एम्स पहुंचे। उन्होंने एम्स (All India Institute Of Medical Sciences) में टीकाकरण अभियान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि कोरोना के खिलाफ टीकाकरण को लेकर पिछले एक साल में विपक्ष ने कई बार गैर जिम्मेदाराना और हास्यास्पद बयान दिया है। जबकि, दुनिया का यह सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान अपनी सफलता की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि देश में अब तक 84 करोड़ से ज्यादा टीकाकरण हो चुका है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर ढाई करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हुआ, जो एक दिन में सबसे ज्यादा टीकाकरण का विश्व रिकार्ड है। इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय, सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों ने मिलकर इससे सफल बनाया है। उन्होंने टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया व एम्स के निर्देशक डा. रणदीप गुलेरिया का भी आभार जताया। इसके साथ ही एम्‍स की स्मार्ट लैब में ब्‍लड के एक सैंपल से 85 तरह की जांच होने की सराहना की।

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    नड्डा ने कहा कि जिस दिन ढाई करोड़ से अधिक टीकाकरण हुआ उस दिन विपक्ष ने चुप्पी साधे रखी। वहीं पिछले एक साल में विपक्षी दलों द्वारा टीकाकरण पर कई बार गैर जिम्मेदाराना और हास्यास्पद बयान दिए गए। इस पर विपक्षी दलों को आत्मचिंतन करना चाहिए और यह सोचना चाहिए प्रजातंत्र की दृष्टि में विपक्ष की भूमिका क्या है। जब पूरे देश के करोड़ों लोग टीकाकरण अभियान को सरकार के साथ खड़े होकर सफल बना रहे थे तब विपक्षी दल गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी में लगे थे। 

    नड्डा ने संबोधन से पहले एम्स में टीकाकरण के निरीक्षण के दौरान नर्सिंग कर्मचारियों से बात करते हुए कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने बहुत मेहनत की है। कोरोना जब चरम पर था तब भी स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी पर डटे रहे। उन्हें अत्यधिक मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ा होगा। इस पर वहां मौजूद एक नर्स ने नड्डा से कहा कि यदि हमें इस अभियान को सफल बनाना है तो पूरी यूनिट को मिलकर मेहनत करनी होगी। कोरोना के खिलाफ टीकाकरण के इस अभियान में हम प्रधानमंत्री के साथ हैं। वहीं, मनसुख मांडविया ने भी स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा और समर्पण की तारीफ की और कहा कि टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों ने अहम भूमिका निभाई है।

    टीकाकरण पर विपक्ष का बयान हास्यास्पद

    उन्‍होंने कहा कि एम्स में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्मार्ट लैब में सैंपल की जांच काफी आसान हो गई है। इस स्मार्ट लैब की मदद से मरीजों की जांच रिपोर्ट सैंपल लेने के दिन ही देर शाम तक आ जाती है। एम्स के डाक्टर कहते हैं कि यह देश की सबसे उन्नत डायग्नोस्टक लैब है, जो पूरी तरह रोबोटिक है। इस लैब में मरीज के एक ब्लड सैंपल से अभी 85 तरह की जांच की जा रही है। वहीं लैब मेडिसिन विभाग में जांच भी पहले की तुलना में तीन से चार गुना बढ़ गई है। हालांकि,अभी क्षमता से एक चौथाई ही जांच हो पा रही है। इसलिए इस स्मार्ट लैब की मदद से जांच बढ़ाई जा सकती है। विभाग के डाक्टरों ने बताया कि सामान्य लैब में मरीज की अलग-अलग जांच के लिए ब्लड के अलग-अलग सैंपल लेने पड़ते हैं।

    यदि किसी मरीज को ब्लड काउंट, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट या कोई और जांच करानी हो तो सामान्य लैब में मरीज के ब्लड से चार-पांच सैंपल लेने पड़ते हैं। मरीज को इस परेशानी से स्मार्ट लैब ने राहत दिला दी है। पहले प्रतिदिन एक हजार से डेढ़ हजार मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच होती थी। वहीं मौजूदा समय में प्रतिदिन चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मरीजों के सैंपल की जांच हो रही है। इस लैब से प्रतिदिन 10 हजार मरीजों की रिपोर्ट तैयार हो सकती है।

    विभागाध्यक्ष डा. सुब्रत सिन्हा ने कहा कि लैब में रोबोटिक मशीनें लगी हैं, जो एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। हर मशीन में अलग-अलग मार्कर की जांच होती है। हर सैंपल पर बार कोड होता है, इसके माध्यम से मशीन को यह पता चलता है कि मरीज के सैंपल से कितने तरह की जांच होनी है। सैंपल लगाने के बाद पहली मशीन अपने हिस्से की जांच करने के बाद सैंपल को दूसरे मशीन में स्वयं स्थानांतरित कर देती है। दूसरी मशीन में निर्धारित मार्कर की जांच के बाद सैंपल तीसरे, चौथे, पांचवें और फिर छठे मशीन में पहुंच जाता है।

    डी-डाइमर, सीआरपी, एंटीबाडी इत्यादि जांच में बनी मददगार

    स्मार्ट लैब के प्रभारी डा. सुदीप दत्ता ने कहा कि दूसरी लहर में कोरोना के मरीजों के डी-डाइमर, सीआरपी (सी-रिएक्टिव प्रोटीन), एंटीबाडी सहित कई तरह की जांच में भी यह लैब मददगार बनी। इस लैब में आने वाले दिनों में 270 तरह की जांच की जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को एम्स के स्मार्ट लैब निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने यहां पर बैठकर छह अन्य एम्स के कामकाज की समीक्षा भी की और इलाज की सुविधाएं बेहतर बनाने का निर्देश दिया। इस दौरान भोपाल, भुवनेश्वर, रायपुर, जोधपुर, पटना व ऋषिकेश के निदेशक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े हुए थे। इसमें दिल्ली एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया भी शामिल थे।

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