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    महिला नर्स से दुर्व्यवहार के आरोप बेबुनियाद: एम्स के डॉ. एके बिसोई को मिली पूरी तरह क्लीन चिट

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 08:58 PM (IST)

    एम्स के डॉक्टर एके बिसोई को महिला नर्स से दुर्व्यवहार के आरोपों से क्लीन चिट मिल गई है। जांच में आरोप बेबुनियाद पाए गए। जांच समिति ने सभी पहलुओं पर विचार किया और आरोपों को खारिज कर दिया। डॉ. बिसोई ने राहत की सांस ली और एम्स प्रशासन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया।

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    दिल्ली एम्स (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के कार्डियक सर्जरी के चर्चित विवाद में चर्चा है कि डाॅ. एके बिसोई को क्लीन चिट मिल गई है। बताया जा रहा है कि संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति ने कार्डियक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डाॅ. एके बिसोई के खिलाफ लग चुके सभी आरोपों की जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट एम्स प्रशासन को सौंप दी है।

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    एम्स सूत्रों के अनुसार समिति ने महिला नर्सिंग कर्मचारी से दुर्व्यवहार और प्रताड़ना के आरोपों में डाॅ. बिसोई को क्लीन चिट दे दी है। हालांकि, एम्स प्रशासन ने अब तक उनके खिलाफ विभागाध्यक्ष पद से हटाने की कार्रवाई को वापस नहीं लिया है। और पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है, आधिकारिक बयान देने को तैयार नहीं है।

    गौरतलब है कि डाॅ. एके बिसोई पर नर्सिंग यूनियन ने एक महिला नर्सिंग कर्मचारी के साथ अभद्रता और गाली-गलौज करने के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद 11 अक्टूबर को एम्स प्रशासन ने आदेश जारी कर उन्हें विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया था।

    आदेश के बाद फैकल्टी एसोसिएशन और नर्सिंग यूनियन आमने-सामने आ गए। फैकल्टी एसोसिएशन ने इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया। फैकल्टी एसोसिएशन का आरोप था कि डाॅ. एके बिसोई को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया।

    मामले की गंभीरता और फैकल्टी एसोसिएशन और नर्सिंग यूनियन के आमने-सामने होने पर यह पूरा मामला एम्स की यौन उत्पीड़न मामलों के लिए गठित आंतरिक समिति को जांच के लिए सौंपा गया था।

    सूत्र बताते हैं कि सभी पक्षों को सुनने के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट निदेशक को भेज दी, जिसमें बताया गया है कि आरोप सिद्ध नहीं हुए और डाॅ. एके बिसोई को पूरी तरह क्लीन चिट दी जाती है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि प्रशासन अगला कदम क्या उठाता है और फैकल्टी एसोसिएशन और नर्सिंग यूनियन इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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