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    दिल्लीवालों के लिए गुड न्यूज, होटल और रेस्तरां के बाद दुकानों व फैक्ट्री लाइसेंस में मिल सकती है राहत

    Updated: Wed, 25 Jun 2025 08:57 PM (IST)

    दिल्ली की भाजपा सरकार व्यापारियों और फैक्ट्रियों के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान बना रही है। हाल ही में हेल्थ ट्रेड लाइसेंस से पुलिस की ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो

    निहाल सिंह, जागरण, नई दिल्ली। दिल्ली की भाजपा सरकार लगातार व्यापारियों के हित के निर्णय लेते हुए नजर आ रही है। पिछले दिनों होटल, रेस्तरां, स्वमिंग पूल जैसी कुल सात श्रेणियों के हेल्थ ट्रेड लाइसेंस में पुलिस की मंजूरी को खत्म किया तो अब दुकानों के साथ ही फैक्ट्री लाइसेंस को लेकर भी राहत मिल सकती है।

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    अंदरखाने इस पर चर्चा चल रही है। इसमें उन जनरल ट्रेड लाइसेंस को खत्म किया जा सकता है जो कि निगम के लिए राजस्व के लिए न के बराबर फायदेमंद होते हैं लेकिन दुकानदारों पर इंस्पेक्टरों का डंडा चलने से उनका आर्थिक और दूसरे माध्यमों से शोषण होता है।

    इसमें चाय की छोटी दुकान, छोटी सैलून और छोटी स्टेशनरी की दुकान, पान मसाला की दुकान, पान की दुकान, सायबर कैफे, साइकिल की दुकान जैसी ट्रेड को लाइसेंस मुक्त किया जा सकता है।

    एमसीडी सूत्रों के अनुसार उच्च स्तर पर इसको लेकर चर्चा चल रही है। उन्होंने बताया कि हेल्थ ट्रेड लाइसेंस में पुलिस की मंजूरी की बाध्यता का खत्म करने का निर्णय भी उच्च स्तर पर हुआ था। इसलिए निगम अधिकारियों को भी इसकी ज्यादा जानकारी नहीं थी।

    अधिकारी ने बताया चूंकि इन लाइसेंस से निगम को राजस्व भी बहुत कम आता है साथ ही कई ऐसे ट्रेड हैं जैसे होम ट्यूशन, पान विक्रेता यह लोग लाइसेंस लेते नहीं है। हां दुकान ऐसे स्थान पर है जहां पर बहुत ज्यादा बिक्री होती है वह लोग लाइसेंस ले लेते हैं लेकिन गली मोहल्लों में चलने वाली पान की दुकानें, किराना स्टोर इस तरह का लाइसेंस बहुत कम ही लेते हैं।

    इन ट्रेड के साथ ही फैक्ट्री लाइसेंस में भी राहत मिल सकती है। इसमें भी बड़ी घोषणा हो सकती है। निगम के अनुसार फरवरी 2021 से लेकर अब तक 30609 लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया। इसमें से 6502 नए लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया।

    23866 लोगों लाइसेंस का नवनीकरण कराया। एमसीडी ने अपने बजट 2025-26 में जनरल ट्रेड लाइसेंस से 93 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा था जबकि 2024-25 का संशोधित बजट अनुमान 87 करोड़ ही था। उल्लेखनीय है कि जनरल ट्रेड लाइसेंस में 463 ट्रेड श्रेणी हैं। जिसमें करीब 20-25 ट्रेड का लाइसेंस लेने की बाध्यता को खत्म किया जा सकता है।