कौन हैं अदिति मिश्रा, जिन्होंने JNU में लहराया लेफ्ट का परचम; बनारस से है नाता
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में वाम एकता पैनल की अदिति मिश्रा अध्यक्ष चुनी गईं। उन्होंने एबीवीपी के विकास पटेल को हराया। बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही अदिति ने आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने फीस वृद्धि और सीएए के विरोध में भी छात्रों का साथ दिया। वर्तमान में वे जेएनयू में पीएचडी कर रही हैं और आईसा की प्रतिनिधि भी हैं।
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जेएनयू छात्र संघ चुनाव में बनारस की अदिति मिश्रा ने जीता अध्यक्ष पद।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में वाम एकता पैनल की ओर से अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली हैं। उन्होंने एबीवीपी के विकास पटेल को करारी शिकस्त दी। अदिति को 1861 मत हासिल हुए।
उत्तर प्रदेश के बनारस की रहने वाली अदिति ने बीएचयू में स्नातक में पढ़ाई के दौरान ही अपना बगावती तेवर दिखा चुकी हैं। उन्होंने 2017 में महिलाओं के हॉस्टल कर्फ्यू के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिसमें उनकी जीत हुई थी।
पुडुच्चेरी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बाद 2018 में उन्होंने वीसी दफ्तर का घेराव किया। 2019 में फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन में वह शामिल रहीं और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी आंदोलनों में एकजुटता दिखाई।
2020 में हाशिए में खड़े छात्रों के हक में उन्होंने आवाज बुलंद की। वर्तमान में जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्ट्डीज में पीएचडी की छात्रा अदिति मिश्रा 'उत्तर प्रदेश में 2012 से महिलाओं द्वारा लैंगिक हिंसा के खिलाफ प्रतिरोध' पर शोध कर रही हैं।
सेकंड ईयर की पीएचडी छात्रा के रूप में अदिति आईसा की प्रतिनिधि चुनी गईं। उन्होंने यौन उत्पीड़न शिकायतों में पारदर्शिता लाने के लिए रिपोर्ट पेश की। आईसा की सक्रियता से आदिति ने पार्टी में सभी जेंडर के छात्रों के लिए सीट खोली, जो समावेशी लैंगिकसंवेदीकरण की दिशा में कदम है।

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