Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    दिल्ली में नहीं थम रहे एसिड अटैक के मामले, महिलाओं की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल; अब DU की छात्रा बनीं शिकार

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 11:09 PM (IST)

    दिल्ली में एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। हाल के वर्षों में कई मामले सामने आए हैं, जिनमें महिलाओं को निशाना बनाया गया है। पांडव नगर, आनंद पर्वत और द्वारका में हुई घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों ने सख्त निगरानी और एसिड की बिक्री पर नियंत्रण की आवश्यकता जताई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

    Hero Image

    दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर उठे सवाल।

    शमसे आलम, बाहरी दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एसिड अटैक की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। कानून सख्त होने के बावजूद महिलाएं इस जघन्य अपराध का शिकार हो रही हैं। हाल के वर्षों में सामने आए कई मामले से यह साफ हो गया कि एसिड अटैक जैसी घटनाओं पर अभी भी पूरी तरह अंकुश नहीं लग पाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीते अगस्त में पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर इलाके में एक व्यक्ति को अपनी पत्नी पर रासायनिक पदार्थ फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, आरोपित और उसकी पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद गुस्से में उसने यह कदम उठाया। महिला को गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, वर्ष 2023 में मध्य दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में 17 वर्षीय किशोरी पर एसिड से हमला किया गया था।

    पीड़िता अपनी छोटी बहन को स्कूल छोड़ने जा रही थी, तभी बाइक सवार युवक ने उस पर एसिड फेंक दिया। इस हमले में युवती गंभीर रूप से झुलस गई थी। वहीं, 2022 में भी द्वारका में इसी तरह की दर्दनाक घटना हुई थी। यहां दो युवकों ने मोटरसाइकिल से जाते हुए 17 वर्षीय लड़की पर एसिड फेंक दिया था। घटना में युवती का चेहरा और गला बुरी तरह झुलस गया था, साथ ही उसकी आंखों की रोशनी पर भी स्थायी असर पड़ा।

    इस वारदात ने पूरे शहर को झकझोर दिया था। ऐसे हमले केवल युवतियों तक सीमित नहीं हैं। वर्ष 2014 में पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन में एक महिला डाक्टर पर एसिड से हमला किया गया था, जब वह काम पर जा रही थी। पुलिस जांच में सामने आया कि यह वारदात डाक्टर के एक परिचित ने की थी। अदालत ने हाल ही में आरोपित को 12 साल की सख्त कैद की सजा सुनाई है।

    लगातार बढ़ते इन मामलों ने एक बार फिर दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अपराधों पर सख्त निगरानी, तेज न्यायिक कार्रवाई और एसिड की बिक्री पर कड़े नियंत्रण की सख्त जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।