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    जेएनयू में वामदलों के खिलाफ एबीवीपी का प्रदर्शन, लोकतांत्रिक मूल्यों के उल्लंघन का आरोप

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 01:51 AM (IST)

    जेएनयू परिसर में एबीवीपी ने वामदलों के खिलाफ प्रदर्शन किया। एबीवीपी का आरोप है कि वामदलों ने लोकतांत्रिक ढांचे का उल्लंघन किया है। कार्यकर्ताओं ने साबरमती टी प्वाइंट पर वामदलों का पुतला फूंका और जेएनयूएसयू अध्यक्ष पर तानाशाही का आरोप लगाया। एबीवीपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।

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    जेएनयू परिसर में वामदलों के लोकतांत्रिक ढांचे के उल्लंघन और पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ रविवार को एबीवीपी ने विरोध जताया।

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। जेएनयू परिसर में वामदलों के लोकतांत्रिक ढांचे के उल्लंघन और पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने विरोध जताया। एबीवीपी का आरोप है कि स्कूल आफ सोशल साइंसेज (एसएसएस) और स्कूल्स आफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चरल स्टडीज (एसएलएलएंडसीएस) की जीबीएम में चुनाव समिति की अलोकतांत्रिक घोषणा की गई है। इसके खिलाफ रोष जताते हुए कार्यकर्ताओं ने साबरमती टी प्वाइंट पर वामदलों का पुतला दहन किया।

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    एबीवीपी का आरोप है कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने पांच मिनट में ही चुनाव समिति की एकतरफा घोषणा कर तानाशाही रवैया अपनाया है। यह नियुक्ति बिना किसी प्रस्ताव, वोटिंग या हेडकाउंट के मनमाने ढंग से की गई है। यह जेएनयू के लोकतांत्रिक ढांचे का खुला उल्लंघन और छात्रों के विश्वास के साथ धोखा है।

    जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कहा कि इलेक्शन कमेटी की घोषणा लोकतांत्रिक नियमों का खुला उल्लंघन है। हम इस तानाशाही को चुनौती देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी हो। उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने संकल्प लिया है कि जब तक जेएनयू में लोकतांत्रिक मूल्यों की पूरी तरह से बहाली नहीं हो जाती, यह संघर्ष जारी रखेंगे।