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अधिकारियों पर दर्ज होना चाहिए मुकदमा, माफी की मांग षड्यंत्र का हिस्सा: आप

आशुतोष ने कहा कि सर्विस कंडक्ट रूल के तहत सरकारी अफसर किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर सकते। न ही वे हड़ताल या प्रदर्शन जैसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकते हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 28 Feb 2018 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 02 Mar 2018 06:30 AM (IST)
अधिकारियों पर दर्ज होना चाहिए मुकदमा, माफी की मांग षड्यंत्र का हिस्सा: आप

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली सरकार में चल रहे गतिरोध पर आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि अधिकारी नियमों को धता बताकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सर्विस रूल के अनुसार वे काम में बाधा नहीं डाल सकते। अधिकारियों पर मुकदमा होना चाहिए।

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मंत्री पर हुए हमले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई

'आप' प्रवक्ता आशुतोष ने पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा दिल्ली के अंदर जो माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है पार्टी उसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि यह षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। मुख्य सचिव के आरोप पर विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन मंत्री पर हुए हमले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

माफी की मांग राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा

आशुतोष ने कहा कि सर्विस कंडक्ट रूल के तहत सरकारी अफसर किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर सकते। न ही वे हड़ताल या प्रदर्शन जैसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकते हैं। वहीं 'आप' प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि जिस तर्क के आधार पर अधिकारियों का संगठन आरोप लगाकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से माफी की मांग कर रहा है वो एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। 

बैठक में शामिल हुए मुख्य सचिव 

गौरतलब है कि थप्पड़कांड के बाद मंगलवार को बजट सत्र के लिए आयोजित बैठक में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश अधिकारियों के साथ शामिल तो हुए, मगर उन्होंने बैठक में शामिल होने से पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि अधिकारी बैठक में तभी हिस्सा लेंगे, जब उन पर किसी प्रकार का हमला न हो। मुख्यमंत्री को इसकी गारंटी लेनी होगी।

अधिकारियों की गरिमा सुरक्षित रखी जाएगी

इस पत्र में अंशु प्रकाश ने कहा कि अधिकारी पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं और चाहते हैं कि सरकार का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो। बजट सत्र की तारीख तय करना और बजट पास करना सरकार के लिए अहम होता है। इसलिए मैं और मेरे सहकर्मी बैठक में हिस्सा लेंगे। मगर मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि अधिकारियों पर कोई शारीरिक और मौखिक हमला न हो। यह भी उम्मीद है कि बैठक में शिष्टता बनाई बरती जाएगी और अधिकारियों की गरिमा सुरक्षित रखी जाएगी।

तनावपूर्ण माहौल में हुई कैबिनेट की बैठक

20 फरवरी को मारपीट की घटना के बाद कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में पहली बार मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने सामने हुए। मगर आपस में साधुवाद का आदान-प्रदान नहीं हुआ। केवल बजट के मुद्दों पर ही चर्चा हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में माहौल तनावपूर्ण रहा। दोनों की नजरें मिलीं मगर दिल नहीं मिले।

माफी की मांग

गौरतलब है कि मुख्य सचिव के साथ हुई मारपीट के मामले को लेकर सोमवार को अधिकारियों ने एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। प्रेस कांफ्रेंस में अधिकारियों ने मुख्य सचिव के साथ सीएम आवास में हुई धक्का-मुक्की और मारपीट को लेकर सीएम केजरीवाल व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से माफी मांगने की बात कही थी।

साजिश का हिस्सा

अधिकारियों के ज्वाइंट फोरम की प्रवक्ता पूजा जोशी ने कहा था कि हमनें फैसला किया है कि इस मामले में सीएम और डिप्टी सीएम जब तक माफी नहीं मांगते तब तक हम कोई बातचीत नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया गलती मानने और माफी मांगने की जगह पर इस घटना को ही नकारने में लगे हैं। जो गलत है, इससे यह साफ तौर पर पता चलता है कि वह भी इस साजिश का हिस्सा रहे हैं।

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