धोखाधड़ी के मामले की दोबारा जांच के आदेश
जासं, नई दिल्ली : कड़कड़डूमा अदालत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने धोखाधड़ी के मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने यह आदेश याचिका कर्ता द्वारा दायर की गई विरोध याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा कि पुलिस इस मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में विफल रही है, जिसने मोर्टगेज संपत्ति को बेच दिया था। अदालत ने कृष्णा नगर थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि मुख्य आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटाए। जिसने धोखाधड़ी की न केवल चेन बनाई बल्कि उसने इस धोखाधड़ी से फायदा भी उठाया है। इस मामले में याचिकाकर्ता सुनीता की ओर एडवोकेट अमित साहनी ने अदालत में पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के खिलाफ विरोध याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने मुख्य आरोपी राकेश राणा के खिलाफ सबूत नहीं जुटाए हैं। राकेश राणा ने कृष्णा नगर स्थित एक मकान पर जीआइसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से साढ़े छह लाख रुपए का लोन लिया था। लेकिन उसने इस बात को छुपा लिया और उक्त मकान को प्रवीण गुप्ता से बेच दिया। बाद में प्रवीण गुप्ता ने इस मकान को आरोपी रीना देवी को बेच दिया। रीना से यह मकान सुनीता ने लिया तब उसे पता चला कि इस मकान पर लोन है।
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