हल्के भूकंप के झटकों से भी ढह सकती हैं दिल्ली की 80 फीसद इमारतें
दिल्ली-एनसीआर में आज दोपहर बाद आए भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को एक बार हिला कर रखा दिया है। दिल्ली की इमारतों को लेकर विशेषज्ञ पहले ही आशंका जता चुके हैं कि ये हल्के भूकंप को भी नहीं झेल सकती हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में आज दोपहर बाद आए भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को एक बार हिला कर रखा दिया है। दिल्ली की इमारतों को लेकर विशेषज्ञ पहले ही यह आशंका जता चुके हैं कि ये हल्के भूकंप को भी नहीं झेल सकती हैं।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरन्मेंट (सीएसई) पहले ही बता चुका है कि दिल्ली की 80 फीसदी इमारतें निर्माण के लिए तय मानदंडों पर खरी नहीं उतरतीं और अगर यहां हल्का या मध्यम दर्जे का भूकंप भी आता है तो भारी तबाही मच सकती है। सीएसई ने बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई है।
सीएसई के वरिष्ठ शोधकर्ता का अविकल सोमवंशी का कहना है कि दिल्ली में हल्का भूकंप भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि यहां भवन निर्माण के तय मानदंडों का पालन नहीं किया गया है।
तेजेंद्र खन्ना कमेटी की रिपोर्ट भी करती है इसी ओर इशारा
सीएसई ने साल 2006 में गठित तेजेंद्र खन्ना कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा है कि इस रिपोर्ट में भी साफ तौर पर कहा गया था कि 80 फीसदी निर्माण बिल्डिंग एंड डेवलपमेंट कंट्रोल रेग्युलेशन्स पर खरे नहीं उतरते।
सीएसई के अनुसार, अप्रैल 2011 में दिल्ली सरकार ने बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन को लेकर जो नियम बनाए थे, उसके बाद प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के आवेदनों में कमी आई है। इसकी वजह यह है कि यह नियम काफी सख्त थे और इसमें निर्माण प्रमाण पत्र हासिल करना कठिन था।
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